झारखंड के किसानों की समस्याओं का समाधान कर रहा किसान कॉल सेंटर, इस टोल फ्री नंबर पर कर सकते हैं कॉल
Kisan Call Center: किसान कॉल सेंटर से झारखंड के किसानों को कई फायदे हो रहे हैं. इसके साथ-साथ राज्य सरकार को किसान कॉल सेंटर के जरिए ये जानकारी मिल रही है कि किसानों की जमीनी समस्या क्या है, ताकि उसके अनुरूप कृषि विभाग किसान हित में सही नीति और नियम बना सके.
रांची: झारखंड सरकार ने राज्य में किसानों की समस्या के निपटारे के लिए किसान कॉल सेंटर की शुरुआत की है. राज्य सरकार ने सूबे में किसान और कृषि को मजबूत करने के लिए किसान कॉल सेंटर शुरू की है. कॉल सेंटर की शुरुआत 19 जनवरी 2022 को सीएम हेमंत सोरेन और कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने ऑनलाइन की थी. इस कॉल सेंटर से किसान भाइयों को घर बैठे एक फोन कॉल पर अपनी समस्या का त्वरित समाधान मिल रहा है. इसके साथ ही किसान एसएमएस और वाट्सएप्प के जरिए भी खेती और किसानी से जुड़ी जानकारी ले रहे हैं.
टोल फ्री नंबर पर बता सकते हैं अपनी समस्या
किसानों की समस्या के समाधान के लिए ही कृषि निदेशक निशा उरांव के दिशानिर्देश में कृषि निदेशालय किसान कॉल सेंटर का संचालन कर रहा है. राज्य के किसी भी कोने में रह रहे किसान टोल फ्री नंबर-18001231136 पर कॉल करके या 8797891222 पर एसएमएस या वाट्सएप्प कर अपनी समस्या बता सकते हैं और समाधान हासिल कर सकते हैं.
भाषा की कोई बाध्यता नहीं
संथाली, मुंडारी, पंचपरगना, नागपुरी, खोरठा, हो, हिंदी और भोजपुरी भाषा में किसान भाई फोन कर अपनी अपनी शिकायत कॉल सेंटर में करते हैं. यानी किसान भाइयों के कॉल सेंटर में फोन करने के लिए भाषा की कोई बाध्यता नहीं है. अपने-अपने क्षेत्र की भाषा में अपनी खेती और किसानी से जुड़े समाधान किसानों को मिल रहे हैं. किसान कॉल सेंटर में सोमवार से शनिवार तक सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक अपनी अपनी शिकायत की जानकारी दे सकते हैं.
15 दिनों के भीतर होता है शिकायतों का निपटारा
किसान कॉल सेंटर से झारखंड के किसानों को कई फायदे हो रहे हैं. इसके साथ-साथ राज्य सरकार को किसान कॉल सेंटर के जरिए ये जानकारी मिल रही है कि किसानों की जमीनी समस्या क्या है, ताकि उसके अनुरूप कृषि विभाग किसान हित में सही नीति और नियम बना सके. किसान कॉल सेंटर के जरिए किसानों को डिजिटल माध्यम से जोड़कर एक निश्चित समय अवधि में पारदर्शी तरीके से हर समस्या का समाधान मिल रहा है. किसानों को उनकी समस्या के समाधान के साथ-साथ सभी सरकारी योजनाओं की जानकारी, गुणवत्तापूर्ण बीज से जुड़ी जानकारी, खाद और सही कीटनाशक की जानकारी मिल रही है. शिकायतों के निपटारे के लिए 15 दिन की समय सीमा तय की गई है. अगर इस अवधि में समस्या का समाधान नहीं होता है तो कृषि निदेशालय अपने स्तर पर मामले का निष्पादन करता है.