रांचीः Chara Ghotala: चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव बेल पर बाहर हैं, लेकिन उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल लालू प्रसाद यादव की सज़ा बढ़ाए जाने की मांग करते हुए सीबीआई ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिस मामले पर फैसला हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की जानकारी देते हुए सीबीआई के अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने बताया कि इस मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई है. सीबीआई का कहना है कि लालू प्रसाद यादव को जो सजा मिली है वो कम है, इसीलिए उनकी सजा 7 साल की जानी चाहिए. 


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झारखंड हाईकोर्ट में हुई सुनवाई
इसी मामले को लेकर सीबीआई की तरफ से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी इस मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 3 सप्ताह के बाद की निर्धारित की गई है. मामले की जानकारी देते हुए लालू प्रसाद यादव के अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने बताया कि मामला देवघर कोषागार से अवैध निकासी से जुड़ा है. इस मामले में लालू प्रसाद यादव को अदालत ने साढ़े 3 साल की सजा सुनाई है. वहीं उन्होंने बताया कि सीबीआई के द्वारा दायर याचिका को लेकर उनके तरफ से भी जवाब दाखिल की जाएगी जिसकी तैयारी की जा रही.


एक बार फिर बढ़ सकती है परेशानी
बहरहल भले ही लालू प्रसाद यादव जमानत पर बाहर हैं लेकिन झारखंड हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि एक बार फिर शायद लालू प्रसाद यादव की परेशानी बढ़ सकती है. सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने प्रतिवादी के सभी अधिवक्ता को मृतक सजायाफ्ता के मामले में शपथ पत्र के माध्यम से आवेदन दायर करने का निर्देश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 3 हफ्ते बाद की जाएगी. सीबीआई की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने कोर्ट को बताया कि आरसी 64A/96 देवघर कोषागार मामले में लालू प्रसाद को साढ़े 3 साल की कम सजा हुई है. वहीं लालू प्रसाद की ओर से अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने कोर्ट में पक्ष रखा.


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