Ramgarh: हाथी तो अक्सर आदमी के साथी ही होते हैं. विशेष मौकों पर हाथियों की सवारी, सर्कस में हाथियों की करतब और संकट में हाथियों के मदद की तस्वीरें अक्सर सामने आती हैं. लेकिन, यही हाथी जब मुसीबत का सबब बन जाएं तो मुश्किलें बढ़ जाती हैं. कुछ ऐसा ही झारखंड में जंगली इलाकों में होता है, जहां हाथी अक्सर भटककर जंगल से आबादी की तरफ पहुंच जाते हैं और कई बार लोगों की जान के दुश्मन बन जाते हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

झारखंड से घरों पर हाथियों के हमले, फसल को नुकसान पहुंचाने के नजारे और किसी आदमी पर हमला कर जान लेने की जानकारी भी अक्सर मिल जाती है. दरअसल, रामगढ़ के रजरप्पा में इनदिनों हाथियों का झुंड दिखाई दे रहा है. घने जंगल से भटककर ये हाथी मंदिर के आसपास के जंगली इलाके में पहुंच गए हैं. अपने बच्चों के साथ जनिया मारा जंगल में विचरण कर रहे दर्जन भर हाथी कभी भी खतरनाक बन सकते हैं. 


ये भी पढ़ें-कोडरमा करेगा पर्यटकों को कायल! जिले के दर्शनीय स्थलों को 'लो कॉस्ट-नो कॉस्ट' की तर्ज पर संवारा जाएगा


रजरप्पा मंदिर इलाके के लोगों में दहशत
इसके चलते मंदिर और उसके आसपास के इलाके में विशेष एहतियात बरती जा रही है. यहां रह रहे लोगों के बीच दहशत है. वहीं, खतरे को भांपते हुए स्थानीय प्रशासन ने इस सड़क से गुजरने वाले लोगों से आग्रह किया है कि वे हाथियों से बचकर मंदिर में जाएं. वन विभाग को भी इसकी जानकारी दी गयी है, ताकि हाथियों को इस इलाके से जंगल की तरफ बचाया जा सके. 


मंदिर प्रशासन भी श्रद्धालुओं को कर रहा सावधान
इधर, रजरप्पा मंदिर न्यास समिति भी लोगों को हाथियों के खतरे को लेकर आगाह कर रही है. लाउडस्पीकर के जरिए लोगों को यह बताया जा रहा है कि जंगली हाथी मंदिर के आसपास हैं और उनसे जान का खतरा है. इस बात को लेकर खास एहतियात बरती जा रही है कि हाथियों से जान-माल का कोई नुकसान न हो. 


ये भी पढ़ें-धनबाद के नवदंपति को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भेजा शादी का बधाई संदेश, सुखमय जीवन की कामना की


घने जंगल से भटक कर आबादी में आते हैं जानवर
दरअसल, लोग अपने स्वार्थ की खातिर जंगलों को तेजी से नुकसान पहुंचा रहे हैं. जंगल कम होते जा रहे हैं और जंगली जानवरों का प्राकृतिक प्रवास धीरे-धीरे सिमटता जा रहा है. यही वजह है कि हाथी या जंगली जानवर भटक कर आबादी के बीच पहुंच रहे हैं और मानव पर खतरा बढ़ता जा रहा है. अगर लोग अब भी नहीं चेते तो मुसीबत बढ़ती जाएगी और मानव आबादी पर खतरा बढ़ता जाएगा.



(इनपुट-झूलन अग्रवाल)