साहिबगंज : झारखंड में हर साल कालाजर की बीमारी लोगों के ऊपर कहर बनकर टूटती है. कई इलाकों में समुचित इलाज के अभाव में लोगों की जान भी इस बीमारी की वजह से चली जाती है. ऐसे में झारखंड सरकार की तरफ से कालाजर उन्मुलन कार्यक्रम चलाया जाता है. जिसके तहत लोगों को जागरूक करने का काम किया जाता है. 


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ऐसे में साहिबगंज झारखंड का पहला जिला होगा जो 2022 के अंत तक कालाजार मुक्त जिले के रूप में घोषित हो जाएगा. डब्ल्यूएचओ जिला स्वास्थ्य विभाग और राज्य कालाजार विभाग की ओर से साहिबगंज जिला से कालाजार उन्मूलन को सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दी जाती है. 


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इसी कड़ी में आज साहेबगंज सिविल सर्जन कार्यालय सभागार में डब्ल्यूएचओ द्वारा कालाजार उन्मूलन को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. जिसमें कालाजार से जुड़े सभी स्वास्थ्यकर्मियों को सहिया, एएनएम और स्वास्थ्यकर्मियों को कालाजार उन्मूलन को लेकर प्रशिक्षण दिया गया. जिसमें सभी को कालाजार की पहचान इलाज और इससे संबंधित रिपोर्टिंग करने के लिए फॉर्मेट को सही तरीके से भरने का प्रशिक्षण दिया गया. 


जिला कालाजार पदाधिकारी डॉ मोहन पासवान ने इसको लेकर विश्वास जताया कि 2022 के अंत में साहिबगंज जिला को कालाजार मुक्त घोषित कराने को लेकर साहिबगंज स्वास्थ्य विभाग के द्वारा पूरा प्रयास किया जा रहा है और उम्मीद है कि 2022 के अंत तक साहिबगंज जिला को कालाजार मुक्त जिला घोषित किया जा सके. इस प्रशिक्षण में डब्ल्यूएचओ के संथाल परगना प्रभारी डॉ सुदीप चक्रवर्ती, भारत सरकार के स्वास्थ्य सलाहकार सदस्य डॉ. बी. मरांडी, साहिबगंज सिविल सर्जन डॉ अरविंद कुमार सहित राज्य स्तर के प्रशिक्षक शामिल हुए.