Dumka: झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी 'सोना-सोबरन धोती साड़ी योजना' का मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुमका से शुभारंभ किया.इस योजना के तहत राज्य में खाद एवं आपूर्ति विभाग के माध्यम से गरीबों को 10-10 रुपये में साल में दो बार धोती-साड़ी बांटी जाएगी. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कई अन्य योजनाओं की भी शुरुआत की. 


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PDS दुकानों के जरिये मिलेगी धोती-साड़ी
झारखंड सरकार ने दुमका से राज्यवासियों के लिए सोना-सोबरन धोती-साड़ी वितरण योजना की शुरुआत की. इस योजना के तहत राज्य के गरीबों को साल में दो बार सभी जिलों में मौजूद PDS दुकानों के जरिये धोती और साड़ी 10-10 रुपये में मिलेंगे. सोना-सोबरन धोती-साड़ी योजना से राज्य में BPL परिवार के 58 लाख परिवार को फायदा होगा. सरकार ने योजना के लिए 500 करोड़ के बजट का वित्तीय प्रावधान किया है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मौके पर 33 करोड़ 92 लाख रुपया की योजनाओं का शिल्यान्यास और उद्घाटन भी किया. 



'गरीबों के तन ढकने के लिए शुरू की योजना'
इस मौके पर बोलते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा की पिछली सरकार ने झारखंड के लोगों की भावना के साथ खिलवाड़ किया, लेकिन हमने महामारी के दौरान भी विकास योजना के तहत सोना सोबरन धोती साड़ी वितरण कार्यक्रम की शुरुआत की. उन्होंने कहा की राज्य के वास्तविक हालात को देखते हुए गरीबों के तन ढकने के लिए योजना की शुरुआत की गयी है...जिसका साल में दो बार लाभ मिलेगा...हेमंत सोरेन ने कहा की इससे दुमका में 2 लाख लाभुकों को फायदा मिलेगा. 


'सरकार लोगों के हर सुख-दु:ख में साथ'
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा की वर्तमान सरकार नई नीतियां और नए कानून बनाकर गलत मंसूबे का सफाया कर रही है. वर्तमान सरकार लोगों के हर सुख-दु:ख में साथ खड़ी है. उन्होंने कहा की यह साल नौकरी का साल है, और राज्य सरकार हर हाल में नई नियोजन नीति लागू करेगी. 


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'झारखंड के लोगों की भावना से हुआ था खिलवाड़'
उन्होंने कहा कि 20 साल तक बाहरी मानसिकता वाले लोगों ने सरकार को चलाया, और व्यवस्था को प्रभावित कर राज्य के मूलवासियों की भावना के साथ खिलवाड़ किया. पिछली सरकार ने नौकरी में गलत नियम बनाकर बाहरी लोगों को रोजगा देने का काम किया, लेकिन हमारी सरकार ने स्थानीय को प्राथमिकता देते हुए 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों को नौकरी देने का नियम बनाया है.


'मील का पत्थर है धोती-साड़ी योजना'
वहीं झारखंड सरकार में मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने योजना को मील का पत्थर बताते हुए कहा की हेमंत सरकार हाथी उड़ाने का काम नहीं करती, बल्कि ज़मीनी स्तर पर लोगों को सीधा लाभ हो, इसकी कोशिश करती है.


'अच्छी योजना सियासी प्रतिशोध की बलि चढ़ गयी'
वहीं JMM विधायक सुदिव्य सोनू के मुताबिक सोना-सोबरन धोती-साड़ी वितरण योजना मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिछले कार्यकाल के लिए योजना थी, लेकिन इतनी अच्छी योजना  राजनीतिक प्रतिशोध की बलि चढ़ गयी. अब जब महागठबंधन की सरकार सत्ता में आई है, तो फिर से इस योजना की शुरुआत की गयी है.


'वर्तमान सरकार अंतिम व्यक्ति के लिए है'
कांग्रेस प्रवक्ता शमशेर आलम ने कहा की हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने साबित कर दिया है कि यह सरकार अंतिम व्यक्ति के लिए है, जब तक राज्य में बीजेपी की हुकूमत रही, बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बनाने पर ध्यान दिया गया, लेकिन हेमंत सोरेन सरकार गरीबों का दर्द समझती है.


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'गरीब के पास पैसे होंगे तो कपड़े खुद खरीद लेंगे'
सोना-सोबरन धोती-साड़ी वितरण योजना के शुभारंभ को लेकर सत्ता पक्ष जहां बेहद उत्साहित नजर आ रहा है, तो वहीं विपक्ष इसे लेकर सरकार पर तंज कस रही है. बीजेपी विधायक सीपी सिंह के मुताबिक एक धोती और साड़ी देने से गरीब, संपन्न नहीं हो जाता, आज गरीबों को रोजगार और भोजन, जो आज की मौलिक जरूरत है. उन्होंने कहा की जब तक रोटी, कपड़ा और मकान की जरूरत को पूरा नहीं किया जाता तब तक गरीब संपन्न नहीं हो सकता. जब गरीबों के पास पैसे होंगे तो वह खुद से कपड़े खरीद लेंगे.


योजना के शुभारंभ के मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन, मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव , मंत्री बादल पत्रलेख, स्थानीय विधायक बसंत सोरेन, शिकारीपाड़ा विधायक नलिन सोरेन, महेशपुर विधायक स्टीफन मरांडी समेत अन्य लोग मौजूद रहे.


(इनपुट: सुबीर)