देवघर : झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) के प्रधान महासचिव और बीते लोकसभा चुनाव में गोड्डा संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार प्रदीप यादव ने मंगलवार को पार्टी में अपने पद को छोड़ दिया है. उन्होंने पार्टी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को लिखे पत्र में कहा है कि गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से पार्टी और महागठबंधन की ओर से प्रत्याशी बनाया गया था, लेकिन चुनाव में मुझे और झाविमो को अपेक्षित परिणाम नहीं मिला. इस कारण पार्टी के प्रधान महासचिव पद से इस्तीफा देता हूं.


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प्रदीप यादव को पद छोड़ने का निर्देश झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने दिया था. उन्होंने पत्र में लिखा था कि पार्टी के पूर्व प्रवक्ता प्रकरण में जांच पूरी होने तक पद त्याग करें. ज्ञात हो कि प्रदीप यादव पर उनकी पार्टी की प्रवक्ता ने छोड़खानी का आरोप लगाया था. वह बीजेपी के निशिकांत दूबे से चुनाव हार गए थे.



अब झारखंड में इस मामले को लेकर सियासत गर्म है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कहा है कि यह केवल आईवॉश है. बाबूलाल मरांडी ने पीड़िता को चुनाव के बाद मामले को सुनने की बात कही थी. उनके लिए चुनाव महत्वपूर्ण है.


वहीं, झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि यह जेवीएम के संगठन का मामला है. प्रदीप यादव ने अपनी हार स्वीकार करते हुए नैतिकता के आधार पर इस्तीफा सौंपा है. मुझे लगता है कि वर्तमान राजनीति की दिशा में उनका यह कदम स्वागतयोग्य है. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए किसी रणनीति के तहत ही प्रदीप यादव ने ऐसा किया होगा.


इस मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि बाबूलाल मरांडी ने सही फैसला लिया है. सार्वजनिक जीवन जीने वाले व्यक्ति के आचरण पर आक्षेप लगता है, तो बेहतर होगा कि न्यायिक जांच तक नैतिकता के आधार पर उनसे इस्तीफा लिया जाए. रही बात बीजेपी की तो इन विषयों पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि बीजेपी विधायकों पर बलात्कार के आरोप लगते रहे हैं.