Kaimur News: नव वर्ष को लेकर कैमूर जिले का करमचट डैम पूरी तरह से तैयार है. यहां लाखों लोगों की भीड़ पिकनिक मनाने के लिए जुटती है. करमचट में वोटिंग करने के लिए नव वर्ष के अलावा प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ जुटती है.  कैमूर जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. करकटगढ़ और तेलहाड़ कुंड जलप्रपात के बाद सरकार द्वारा अब करमचट डैम के 18 स्क्वायर किलोमीटर को इको टूरिज्म और एडवेंचर टूरिज्म के हब के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है. जिसके लिए कैबिनेट से लगभग 50 करोड रुपए की मंजूरी मिल गई है. यहां पर्यटकों के लिए एडवेंचर स्पोर्ट्स, कैंपिंग और इको फ्रेंडली सुविधा मिलेगा.


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करमचट में एक तरफ जलाशय है जहां पर पिछले दो सालों से बोटिंग चल रहा है तो दूसरी तरफ ठीक उसके अपोजिट साइड में 50 करोड रुपए की लागत से एडवेंचर टूरिज्म हब के रूप में विकसित करने की योजना शुरू होने वाली है. जिसको लेकर यहां के लोगों में भी काफी खुशी देखी जा रही है. ज़ी न्यूज़ से खास बातचीत में जानकारी देते हुए कैमूर डीएफओ चंचल प्रकाशम ने बताया जो करमचट है वहां दुर्गावती नदी पर बांध बनाकर पानी को रोका हुआ है . काफी रमणीय स्थान है. बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल से पर्यटक यहां पर आते हैं. इको टूरिज्म के अपार संभावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार ने 50 करोड रुपए की मंजूरी दी है. जहां डैम के दूसरी तरफ में इको पार्क एडवेंचर हब बनाएंगे. जहां पर जिप लाइ,न ऑप्टिकल कोर्स, जलाशय, पार्क होगा. जहां बैठकर पक्षियों को भी देख पाएंगे. यह प्रोजेक्ट पर्यटन विभाग के द्वारा कराया जा रहा है. जिसको वन विभाग के माध्यम से संपादन होगा.


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राज्य सरकार से मंजूरी मिल गई है. जैसे ही वर्क करने का आदेश आएगा तुरंत कार्य शुरू कर दिया जाएगा. दिसंबर के अंत तक या जनवरी के फर्स्ट तक इसकी शुरू होने की संभावना है. करमचट डैम पर 2 साल पहले से वोटिंग चल रही है जो कैमूर वन्य प्रमंडल की तरफ से हो रहा है. चारों तरफ यह इलाका पहाड़ों से घिरा हुआ है. जब बारिश होता है तो झरने भी चलते हैं, 18 स्क्वायर किलोमीटर में यह स्थान फैला हुआ है. वोटिंग चल रहा है और वॉटर स्पोर्ट्स की और चीज यहां पर डेवलप किए जाएंगे. मां मुंडेश्वरी पार्क में मुख्यमंत्री का दौरा हो चुका है. इसके पहले करकट गढ़ जलप्रपात भी आए हुए थे. उनके मिले निर्देश पर इको पर्यटन के कार्य बहुत सारे कैमूर में कराए गए हैं.


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