चुप रहने का दबाव बनाया तो पीड़ित पहुंचा कोर्ट, अब एसपी-DSP समेत 9 लोगों पर नामजद केस दर्ज
Bihar News: शिकायतकर्ता ने मामले में कार्रवाई नहीं होने पर इस साल मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत का दरवाजा खटखटाया. अदालत ने माना कि प्रथम दृष्टया मामला जांच के लायक है और पुलिस को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
Bihar: बिहार पुलिस के एक उपनिरीक्षक की पिटाई करने और उसका मोबाइल फोन छीनने के आरोप में पुलिस अधीक्षक रैंक के एक अधिकारी समेत नौ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. खगड़िया के पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार कुशवाहा के मुताबिक, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत के छह मई के आदेश के बाद जिले के चित्रगुप्त नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी.
अधिकारी ने बताया कि अदालत का आदेश मिलने पर अमलेंदु सिंह द्वारा की गयी शिकायत पर चार जुलाई को एक प्राथमिकी दर्ज की गई. सिंह पूर्व में यहां मानसी थाना में तैनात थे, शिकायतकर्ता के अनुसार, 26 जून, 2022 को तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अमितेश कुमार और अन्य अधिकारियों ने उनकी पिटाई की और उनका फोन छीन लिया साथ ही उन्हें जान से मारने की भी धमकी दी. कुमार अब सीवान में तैनात हैं.
शिकायतकर्ता ने दावा किया कि उनपर चुप रहने का दबाव बनाया गया और भागलपुर निगरानी थाने में फर्जी भ्रष्टाचार मामला दर्ज कर उन्हें निलंबित भी करवा दिया गया. शिकायतकर्ता ने मामले में कार्रवाई नहीं होने पर इस साल मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत का दरवाजा खटखटाया. अदालत ने माना कि प्रथम दृष्टया मामला जांच के लायक है और पुलिस को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के अलावा, प्राथमिकी में नामित अन्य लोगों में पुलिस उपाधीक्षक सुमित कुमार (वर्तमान में नालंदा में तैनात) भी शामिल हैं. साथ ही जिन अधिकारियों के नाम प्राथमिकी में हैं, उनमें सदर थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह (अब औरंगाबाद में प्रतिनियुक्त पर) और खगड़िया में विभिन्न स्थानों पर तैनात निरीक्षक और उपनिरीक्षक रैंक के अधिकारी हैं.
इनपुट: भाषा