Khagaria Lok Sabha Seat: पशुपति के एक `मोहरे` पर चिराग ने चली चाल, महबूब अली कैसर की नहीं गली दाल
Lok Sabha Election 2024: एनडीए में जब पशुपति पारस की पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली तो महबूब अली कैसर ने मौके की नजाकत भांपते हुए चिराग की पार्टी ज्वाइन कर ली, लेकिन उनकी ये चालाकी काम नहीं आई.
Lok Sabha Election 2024: बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर NDA की तस्वीर पूरी तरह से साफ हो चुकी है. बीजेपी और जेडीयू ने पहले ही अपने कैंडिडेट घोषित रखे थे, अब चिराग पासवान ने भी अपने हिस्से की पाचों सीटों पर प्रत्याशी उतार दिए हैं. चिराग ने इस बार वीणा देवी को छोड़कर बाकी किसी ऐसे नेता को टिकट नहीं दिया है, जो चाचा पशुपति पारस के साथ खड़े थे. हाल ही में पशुपति का साथ छोड़कर चिराग की पार्टी में आने वाले महबूब अली कैसर की दाल नहीं गल सकी. चिराग ने इस बार खगड़िया से उनका टिकट काटकर राजेश वर्मा को मैदान में उतारा है. सियासी जानकारों के अनुसार पशुपति पारस के साथ रहने के बावजूद वीणा देवी हमेशा चिराग पासवान का समर्थन करती रहती थीं. इसी कारण से उन पर चिराग का भरोसा बरकरार है.
वहीं एनडीए में जब पशुपति पारस की पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली तो महबूब अली कैसर ने मौके की नजाकत भांपते हुए चिराग की पार्टी ज्वाइन कर ली, लेकिन उनकी ये चालाकी काम नहीं आई. चिराग भी अब इस तरह के खेल को अच्छे से समझ चुके हैं. इसीलिए उन्होंने महबूब अली कैसर की जगह राजेश वर्मा पर भरोसा जताया है. राजेश पेशे से सर्राफा व्यवसायी हैं. भागलपुर में उनका बड़ा नाम है. वह भागलपुर के डिप्टी मेयर भी रह चुके हैं. उन्होंने 2020 में लोजपा ज्वाइन की थी और भागलपुर सीट से विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था. हालांकि जीत हासिल नहीं हुई थी. पार्टी में हुए बंटवारे के बाद भी वह चिराग के साथ खड़े रहे, जिसका आज उन्हें ईनाम मिला है.
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समस्तीपुर से शांभवी को टिकट
चिराग पासवान ने समस्तीपुर से शांभवी चौधरी को टिकट दिया है. इस नाम से सभी को चौंका दिया है. शांभवी चौधरी, जेडीयू के वरिष्ठ नेता और नीतीश सरकार में मंत्री अशोक चौधरी की बेटी हैं. शांभवी पहले जमुई लोकसभा सीट पर दावा कर रही थीं, लेकिन वहां से चिराग ने अपने बहनोई को टिकट दिया है. जिसके बाद समस्तीपुर लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने के लिए शांभवी राजी हुईं हैं. वहीं शांभवी की दावेदारी पर उनके पिता अशोक चौधरी ने कहा कि मुझे कोई लेना-देना नहीं है, वह किशोर कुणाल की बहू हैं. बता दें कि 2019 में समस्तीपुर से चिराग के चाचा रामचंद्र पासवान चुनाव जीते थे. उनके निधन के बाद हुए उपचुनाव में रामचंद्र के बेटे प्रिंस राज को सांसद बनने का मौका मिला था. पार्टी में हुए बंटवारे के वक्त वह भी चाचा पशुपति पारस के साथ चले गए थे.