Khunti News: जंगली हाथियों के खतरे को देखते हुए अनुमंडल पदाधिकारी ने लागू की निषेधाज्ञा, देखें एक नजर
Jharkhand News: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा-163 के तहत निषेधाज्ञा लागू किया है. यह निषेधाज्ञा 27 दिसंबर 2024 से 01 जनवरी 2025 के मध्याह्न 6:00 बजे तक प्रभावी रहेगी.
खूंटी: झारखंड के खूंटी जिले के जरिया गढ़ थाना क्षेत्र में जंगली हाथियों के झुंड के संभावित खतरे को देखते हुए प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए विशेष कदम उठाए हैं. अनुमंडल दंडाधिकारी दीपेश कुमारी ने इस क्षेत्र में 27 दिसंबर 2024 से 01 जनवरी 2025 तक के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी है. यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा-163 के तहत जारी किया गया है.
प्रभावित क्षेत्र और निषेधाज्ञा का दायरा
निषेधाज्ञा जरिया गढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम चांपी, गाड़ाटोली, मिटकोड़ा और उकड़ीमाड़ी में लागू की गई है. यह क्षेत्र जंगली हाथियों के झुंड के विचरण के कारण संवेदनशील घोषित किया गया है. आदेश के तहत इन इलाकों में पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने और आम रास्तों को अवरुद्ध करने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा.
प्रतिबंधित गतिविधियां
हथियारों पर रोक: इस क्षेत्र में अनुज्ञप्त हथियारों के धारण पर रोक लगाई गई है. घातक हथियार, आग्नेयास्त्र या विस्फोटक पदार्थ लाने और ले जाने पर पूरी तरह मनाही है.
वाहनों का प्रतिबंध: एक साथ तीन से अधिक निजी वाहन (पुलिस और सरकारी वाहनों को छोड़कर) चलाने पर रोक लगाई गई है.
सार्वजनिक कार्यक्रम: किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम के लिए पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य है.
अपवाद और विशेष छूट
इस आदेश के तहत सरकारी कर्मियों के कर्तव्य, बाजार-हाट, धार्मिक स्थलों पर पूजा-अर्चना, शादी-विवाह और शव यात्रा पर प्रतिबंध लागू नहीं होगा. इसके अलावा वृद्ध या अपंग व्यक्तियों की चलने की छड़ी, नेपालियों की खुखरी, सिख समुदाय के कृपाण और सुरक्षा कर्मियों के आधिकारिक हथियारों पर प्रतिबंध नहीं है.
जनता से अपील
अनुमंडल दंडाधिकारी ने जनता से अपील की है कि वे इस आदेश का सख्ती से पालन करें और जंगली हाथियों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें. अनावश्यक भीड़भाड़ करने और हाथियों के पास जाने से बचने की सलाह दी गई है. साथ ही यह आदेश क्षेत्र में लोक शांति और विधि-व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से लागू किया गया है. आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
प्रशासन की सतर्कता
इस फैसले के बाद क्षेत्र में प्रशासन पूरी तरह सतर्क है. जंगली हाथियों के संभावित खतरे को देखते हुए यह कदम स्थानीय निवासियों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
इनपुट- ब्रजेश कुमार
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