Mujahid Alam Profile: कौन हैं JDU के इकलौते मुस्लिम उम्मीदवार मुजाहिद आलम, जानें उनके बारे में सबकुछ
Mujahid Alam Profile: मुजाहिद आलम, किशनगंज जिले के कोचाधामन विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रह चुके हैं. 2020 के चुनाव उन्हें AIMIM ने हरा दिया था. वह किशनगंज जिले से जेडीयू के जिलाध्यक्ष से लेकर प्रदेश उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं.
JDU Candidates List: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने अपनी 16 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है. इन 16 नामों में एक नाम मुस्लिम नेता का भी है. नीतीश कुमार ने इस बार जिस मुस्लिम नेता को टिकट दिया है, उनका नाम मुजाहिद आलम है. मुजाहिद आलम को किशनगंज सीट से मौका दिया गया है. पश्चिम बंगाल, नेपाल और बंग्लादेश के बॉर्डर से जुड़ी इस सीट पर मुस्लिम वोटर ही हार-जीत का फैसला करते हैं. इस इलाके को सीमांचल के नाम से भी जाना जाता है. 1957 में यहां पहली बार चुनाव हुए थे और तब से लेकर अब तक इस सीट पर केवल एक बार हिंदू सांसद ने जीत दर्ज की है. इस समीकरण को देखते ही नीतीश कुमार ने मुजाहिद आलम को मैदान में उतारा है.
कौन हैं मुजाहिद आलम
मुजाहिद आलम, किशनगंज जिले के कोचाधामन विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रह चुके हैं. 2020 के चुनाव उन्हें AIMIM ने हरा दिया था. वह किशनगंज जिले से जेडीयू के जिलाध्यक्ष से लेकर प्रदेश उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. इसके अलावा वह बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. वर्ष 2012 में मुजाहिद आलम को किशनगंज में जदयू का जिला अध्यक्ष बनाया गया था. इस जिम्मेदारी को निभाते हुए उन्होंने सीमांचल में संगठन को मजबूत करते हुए पार्टी का जनाधार बढ़ाया. 2014 के कोचाधामन सीट पर हुए विधानसभा उप चुनाव में उन्हें मैदान में उतारा गया तो उन्होंने जीत हासिल की. उन्होंने कभी भी पार्टी नेतृत्व से किसी पद या जिम्मेदारी की मांग नहीं की. उनकी मेहनत को देखते हुए नीतीश कुमार ने हमेशा उनको जिम्मेदारी सौंपी है.
पिछले चुनाव पर नजर
पिछले चुनाव में एनडीए ने प्रदेश की 40 में से 39 सीटों पर जीत हासिल की थी, सिर्फ यही एक सीट विपक्षी दलों के खाते में गई थी. कांग्रेस के डा. मोहम्मद जावेद ने यहां से जीत दर्ज की थी. मोहम्मद जावेद को 3,67,017 मत हासिल हुए थे, तो उनके प्रतिद्वंद्वी जेडीयू के सैयद मोहम्मद अशरफ को 3,32,551 वोट मिले थे. इस तरह दोनों के बीच मतों का अंतर केवल 34,466 रहा था. पिछले चुनाव को देखते हुए महागठबंधन की ओर से कांग्रेस के डॉ. जावेद अख्तर का फिर चुनाव लड़ना तय माना जा रहा था. मगर महागठबंधन के शीर्ष नेतृत्व के द्वारा एक-एक सीट पर चुनावी विश्लेषण कर प्रत्याशी तय करने में जुटी हुई है.