भागलपुर : 2014 के आम चुनाव में बिहार की भागलपुर लोकसभा सीट से बतौर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उम्मीदवार शाहनवाज हुसैन को जीत की हैट्रिक लगाने में निराशा हाथ लगी थी. वह राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) उम्मीदवार शैलेंद्र कुमार उर्फ बूलो मंडल से महज नौ हजार मतों के अंतर से चुनाव हार गए थे. इस सीट पर कांटे की टक्कर देखने को मिली थी. बीजेपी से अलग राब अपनाते हुए चुनाव लड़ रही जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने अबू कैसर को चुनावी मैदान में उतारा था, जिन्हें लगभग एक लाख 30 हजार वोट मिले थे.


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16 लाख 85 हजार 339 मतदाताओं वाले भागलपुर लोकसभा सीट पर कुल 18 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे थे. 2014 के आम चुनाव में कुल नौ लाख 74 हजार 16 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. इस चुनाव में आरजेडी उम्मीदवार शैलेंद्र कुमार को कुल तीन लाख 67 हजार 623 वोट मिले थे. वहीं, बीजेपी के शाहनवाज हुसैन के खाते में तीन लाख 58 हजार 138 मत मिले थे.


2009 में शाहनवाज हुसान ने शकुनी चौधरी को हराया था
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सबसे युवा मंत्री रहे शाहनवाज हुसैन ने 2009 के आम चुनावों में आरजेडी प्रत्याशी शकुनी चौधरी को हराया था. इससे पहले 2006 में इस सीट पर हुए उपचुनाव में भी उन्होंने आरजेडी उम्मीदवार को मात दी थी. 2014 में उन्हें मोदी लहर के कारण जीत का भरोसा था, लेकिन निराशा हाथ लगी. भागलपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी के कई प्रत्याशियों की नजरें हैं. देखना दिलचस्प होगा कि क्या बीजेपी एकबार फिर अपने प्रखर प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन पर भरोसा करती है या फिर किसी नए चेहरे को मौका देगी.


1952 के लोकसभा चुनाव में भागलपुर सीट, पूर्णिया लोकसभा में ही आती थी. बिहार के पूर्ण मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद इस सीट पर कुल 24 वर्ष सांसद रहे. वह 1962, 1967, 1971, 1980 और 1984 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीते. इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए आम चुनाव में इस सीट पर जनता पार्टी के रामजी सिंह सांसद बने थे. 1989 से 1998 तक के आम चुनावों में जनता दल की टिकट पर चुनचुन प्रसाद यादव लगातार चुनाव जीतते गए.


1998 में पहली बार खुला था बीजेपी का खाता
1998 में हुए आम चुनाव में पहली बार भागलपुर सीट पर बीजेपी का खाता खुला था. प्रभास चंद्र तिवारी चुनाव जीतने में सफल रहे थे, लेकिन एक वर्ष बाद हुए आम चुनाव में सीपीआई के सुबोध राय यहां से पहली बार सांसद बने. इसके बाद से 2009 के आम चुनावों तक इस सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा. 2004 में बिहार के वर्तमान उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी इसी सीट सांसद बने थे. 2005 में बिहार में एनडीए की सरकार बनी और सुशील मोदी उपमुख्यमंत्री बनाए गए. उनके इस्तीफा देने के बाद इस सीट पर 2006 में हुए उपचुनाव में बीजेपी ने शाहनवाज हुसैन को पहली बार चुनावी मैदान में उतारा था और वह चुनाव जीतने में सफल भी हुए थे.