Lok Sabha Chunav: बॉलीवुड हो, साउथ सिनेमा या फिर भोजपुरी इंडस्ट्री  फिल्मी सितारों का सियासी से जुड़ना एक आम बात रही है. वहीं, 1980 के दशक से फिल्मी सितारों का संसद पहुंचना कॉमन हो गया. हाल दिनों में फिल्मी सितारों का चुनाव लड़ने क्रेज सबसे ज्यादा देखा गया. इसकी एक सबसे महत्वपूर्ण वजह मानी जाती है कि कई फिल्मी सितारों की पॉजिटिव इमेज. जो वोटर्स को अपनी तरफ खींचता है.


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लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने कई फिल्मी सितारों को मैदान में उतारा है. बॉलीवुड और अन्य क्षेत्रीय सिनेमा की तरह भोजपुरी फिल्म सितारों ने भी लोकसभा चुनाव लड़ा है और सांसद बने हैं. इस साल भोजपुरी सिनेमा के पावरस्टार कहे जाने वाले पवन सिंह बिहार की काराकाट लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं.


आपके लिए ध्यान देने वाली बात ये है कि आजतक कोई भी भोजपुरी स्टार अपना पहला लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाया है. अब आप सोच रहे होंगे कि क्या ये सच है? तो जी हां, यह पूरे सोलह आने सच है. कुणाल सिंह से लेकर मनोज तिवारी, रवि किशन और निरहुआ सभी पहली बार चुनाव हार चुके हैं. अब सवाल ये है कि क्या पवन सिंह इस ट्रैक रिकॉर्ड को तोड़ पाएंगे?


मनोज तिवारी
भोजपुरी सिंगर और एक्टर से नेता बने मनोज तिवारी ने अपना पहला लोकसभा चुनाव साल 2009 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर गोरखपुर से लड़ा था. एसपी ने मनोज तिवारी को बीजेपी के योगी आदित्यनाथ और बसपा के विनय शंकर तिवारी के खिलाफ मैदान में उतारा था. मनोज तिवारी को केवल 11 फीसदी वोट मिले और वे तीसरे स्थान पर रहे. योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर से विनय शंकर तिवारी को 220271 वोटों से हराया था.


इसके बाद में मनोज तिवारी साल 2013 में बीजेपी में शामिल हो गए. वह साल 2014 में उत्तर पूर्वी दिल्ली से अपना पहला लोकसभा चुनाव जीते. उन्होंने साल 2019 में उसी सीट से अपना दूसरा लोकसभा चुनाव जीता. मनोज तिवारी साल 2024 लोकसभा में तीसरी बार इंडी गठबंधन के उम्मीदवार और कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.


रवि किशन
रवि किशन ने अपना पहला लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जौनपुर सीट से लड़ा, लेकिन असफल रहे. उन्हें केवल 4.2 प्रतिशत वोट मिले और वे मैदान में उतरे 21 उम्मीदवारों में से छठे स्थान पर रहे. फरवरी 2017 में रवि किशन बीजेपी में शामिल हो गए. उन्होंने अपना पहला लोकसभा चुनाव गोरखपुर सीट से लड़ा और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार रामभुआल निषाद को 3 लाख से अधिक वोटों से हराया. वह 2024 में फिर से उसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.


दिनेश लाल यादव 'निरहुआ'
दिनेश लाल यादव, जिन्हें 'निरहुआ' के नाम से जाना जाता है. उन्होंने अपना पहला लोकसभा चुनाव 2019 में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ आजमगढ़ से लड़ा. अखिलेश यादव ने निरहुआ को 259,874 वोटों से हराया था. इसके बाद अखिलेश यादव जब विधायकी जीत तो मार्च 2022 में आजमगढ़ सीट से इस्तीफा दे दिया. जून 2022 में आजमगढ़ में लोकसभा उपचुनाव हुए. दिनेश लाल यादव ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव को 8 हजार से ज्यादा वोटों से हराया. साल 2024 में निरहुआ और धर्मेंद्र यादव एक बार फिर से आज़मगढ़ सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.


कुणाल सिंह
भोजपुरी स्टार कुणाल सिंह ने अपना पहला लोकसभा चुनाव 2014 में कांग्रेस के टिकट पर पटना साहिब सीट से लड़ा था. उन्हें शत्रुघ्न सिन्हा (तब बीजेपी में) ने 265,805 वोटों से हराया था.


पवन सिंह का राजनीतिक डेब्यू
काराकाट में पवन सिंह एनडीए प्रत्याशी उपेन्द्र कुशवाहा के लिए बड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं. पवन सिंह, जिन्हें पहले पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी ने टिकट दिया था. हालांकि, पवन सिंह की बंगाली महिलाओं पर गाना गाने की वजह से आलोचना हुई और अपना नाम वापस लेना पड़ा. इसके बाद पवन सिंह ने काराकाट से अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की और 9 मई को अपना नामांकन दाखिल किया. 22 मई को बीदेपी ने पवन सिंह को पार्टी से निकाल दिया.


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अगर पवन सिंह रोहतास जिले की काराकाट सीट पर लोकसभा सीट पर चुनाव जीत जाते हैं तो वह ऐसा करने वाले पहले भोजपुरी स्टार होंगे. बता दें कि लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में 1 जून को काराकाट में मतदान होगा.