रांची:  रांची के जमीन घोटाले में बुधवार दोपहर बाद से लंबी पूछताछ के बाद ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री रहे हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले ईडी ने हेमंत सोरेन को हिरासत में लिया था. हिरासत में ही हेमंत सोरेन को राजभवन ले जाया गया, जहां उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी की सूरत में रांची के दीनदयालनगर में एक कैंप जेल बनाया गया है, जिसमें हेमंत सोरेन को रखा जा सकता है.


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इससे पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायकों ने चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया है. इससे तय है कि प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ही होंगे. हेमंत सोरेन की सरकार में परिवहन मंत्री के रूप में काम कर रहे थे. चंपई सोरेन से पहले चर्चा चल रही थी कि कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा, लेकिन सोरेन परिवार में कल्पना सोरेन के नाम पर एकराय नहीं बन पाई और उसके बाद कल्पना सोरेन का नाम पीछे हो गया. 


इस तरह हेमंत सोरेन बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव की राह पर चलते चलते रह गए. लालू प्रसाद यादव ने जेल जाने की स्थिति में अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी थी. पिछले काफी दिनों से चर्चा थी कि कल्पना सोरेन प्रदेश की अगली मुख्यमंत्री बन सकती हैं, लेकिन ऐन वक्त पर सीता सोरेन, चंपई सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कुछ विधायकों ने उनके नाम पर विरोध दर्ज करा दिया, जिसके बाद हेमंत सोरेन को पीछे हटना पड़ा.


चंपई सोरेन, जिन्हें विधायक दल का नेता चुना गया है, उन्हें आदिवासियों का बड़ा नेता माना जाता है. विधायकों की सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया है. वे राज्य के बड़े नेता हैं और सोरेन परिवार उन पर काफी भरोसा करता है. पार्टी के प्रति बहुत ही वफादार माने जाते हैं. वे अपने क्षेत्र में टाइगर के नाम से जाने जाते हैं.


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