Bihar Politics: बिहार में इंडिया ब्लॉक का समीकरण खराब करके सीएम नीतीश कुमार अब दिल्ली जाकर पीएम मोदी से मुलाकात करने वाले हैं. जानकारी के मुताबिक, नीतीश कुमार पीएम से मिलने 7 फरवरी को दिल्ली जाएंगे. इसके बाद वह 8 फरवरी की शाम वापस बिहार लौटेंगे. अपने 2 दिवसीय दिल्ली दौरे के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात करेंगे. मुख्यमंत्री से पहले दोनों डिप्टी सीएम (सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा) भी दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाकर लौटे हैं. फ्लोर टेस्ट की अग्निपरीक्षा से गुजरने से पहले मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरा काफी अहम माना जा रहा है. 


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सीएम नीतीश के दिल्ली दौरे के मायने


वहीं मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरे आगामी लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. बता दें कि एनडीए में वापसी के बाद मुख्यमंत्री पहली बार प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे. इससे पहले जबतक वह इंडिया ब्लॉक का हिस्सा थे, तबतक बीजेपी के खिलाफ काफी हमलावर देखे जा रहे थे. कहा जा रहा है कि दिल्ली में बीजेपी नेताओं से मिलकर मुख्यमंत्री पुराने गिले-शिकवे को दूर करने का प्रयास करेंगे और लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा कर सकते हैं. इससे पहले पीएम मोदी के भी बिहार आने की खबरें सामने आई थीं, लेकिन फिर वह दौरा टल गया. 


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फ्लोर टेस्ट को लेकर बयानबाजी जारी


उधर एनडीए सरकार 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करेगी. इससे पहले खूब बयानबाजी हो रही है. फ्लोर टेस्ट से पहले एनडीए खेमे में घमासान देखने को मिल रहा है. हम संरक्षक और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी अपनी पार्टी के लिए 2 मंत्री पद को लेकर नाराज बताए जा रहे हैं. मांझी की नाराजगी मुख्यमंत्री को भारी पड़ सकती है. आरजेडी की ओर से खेला किए जाने के दावे लगातार किए जा रहे हैं. आरजेडी की ओर से उपमुख्यमंत्री बने सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को सरकार बचाने का चैलेंज दिया गया है. आरजेडी प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि पहले 12 तारीख को फ्लोर टेस्ट में अपनी सरकार बचा लें. उसके बाद ही ज्ञान दें. 


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कांग्रेस ने अपने विधायकों को शिफ्ट किया


शक्ति यादव ने कहा कि तेजस्वी यादव ने जो एलान किया है वो ऐसा खेला होगा कि कौन खिलौना से खेलेगा और कौन आग से खेलेगा ये पता चल जाएगा. आरजेडी भले ही एनडीए सरकार गिराने के दावे कर रही हो, लेकिन घबराहट कांग्रेस खेमे में देखने को मिल रही है. कांग्रेस ने अपने 19 में से 16 विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट कर दिया है. बाकी 3 विधायक कहां हैं, इसकी कोई जानकारी नहीं है. हालांकि, विधानसभा में बीजेपी और जेडीयू के संख्याबल को देखते हुए मुख्यमंत्री काफी निश्चिंत बताए जा रहे हैं.