Bihar Congress: एक तरफ बिहार में पल-पल सियासी समीकरण बदल रहे हैं. नीतीश महागठबंधन से दूर और NDA के करीब जा रहे हैं जिससे राजद समेत महागठबंधन से सभी दल खासे परेशानी में हैं. अब प्रदेश की राजनीति एक नए मोड़ पर आकर खड़ी हो गई है. ऐसे में जितनी परेशानी में राजद है उतनी ही परेशानी प्रदेश में कांग्रेस के लिए भी है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा लेकर निकले हैं. उनकी यात्रा बिहार में सीमांचल के हिस्से में प्रवेश करने वाली है. इसके पहले बिहार में उठे सियासी तूफान में कहीं उनकी पार्टी की जमीन ना खिसक जाए इस बात का डर पार्टी के नेताओं को हो रहा है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ये भी पढ़ें- भाजपा और नीतीश कुमार की दोस्ती से दांव पर लग गई सम्राट की पगड़ी और ललन सिंह की बात


दरअसल सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि कांग्रेस के बिहार में जो 19 विधायक हैं वह सभी के सभी जदयू के संपर्क में हैं. 2018 में पार्टी के विधायकों को जदयू के साथ लाने का खेला जो अशोक चौधरी ने खेला था कांग्रेस को वैसा ही डर अब सता रहा है. पूर्णिया में बिहार के सियासी हालात पर हुई कांग्रेस की आज की बैठक से इस बात के संकेत मिलने लग गए हैं. दरअसल बिहार के ताजा सियासी हालात पर कांग्रेस ने अपने विधायकों की बैठक पूर्णिया में बुलाई थी जिसमें से बड़ी संख्या में कांग्रेस के विधायक नदारद रहे. इसके बाद से तो यह सियासी चर्चा का विषय बन गया है. 


ऐसे में अशोक चौधरी अगर एक बार फिर से कांग्रेस के विधायकों को जदयू की सदस्यता दिलाने में सफल रहे तो राहुल गांधी के बिहार पहुंचने पर यह उनके लिए झटके से कम नहीं होगा. वहीं महागठबंधन के दलों के लिए भी यह सियासी जहर के समान होगा. ऐसे में बिहार में राहुल गांधी की न्याय यात्रा के प्रवेश से पहले पार्टी में जो टूट होगी वह उनके लिए बुरे सपने से कम नहीं होगा. 


दरअसल बिहार के भागलपुर से जदयू विधायक गोपाल मंडल ने जो दावा किया उसके बाद से बिहार का सियासी उबाल चरम पर है. गोपाल मंडल ने साफ कह दिया कि जदयू के विधायकों की संख्या में इजाफा होने वाला है. जिसको अशोक चौधरी अंजाम देने वाले हैं. ऐसे में सबको 2018 में अशोक चौधरी का खेला याद आ गया. 


अब ऐसे में गोपाल मंडल की बात के बाद सियासी अंदेशा तब प्रबल हो गया जब पूर्णियां में कांग्रेस के विधायक दल की बैठक में पार्टी के 19 में से 10 विधायक ही पहुंचे और इस बैठक से 9 विधायक नदारद रहे. इतना ही नहीं इन विधायकों का मोबाइल फोन भी बंद पड़ा है. वहीं कुछ रिपोर्ट तो इस बात का दावा कर रहे हैं कि कांग्रेस के 5-6 विधायक ही इस बैठक में मौजूद थे.