Hajipur Seat Ground Report: बिहार की हाजीपुर सुरक्षित लोकसभा सीट को लेकर चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच काफी गहमागहमी देखने को मिली थी लंबी जंग के बाद पशुपति पारस पर चिराग पासवान भारी पड़े थे और एनडीए में उन्हें पारस से ज्यादा तवज्जो मिली थी. चाचा पशुपति के साथ मुकाबले में तो भले ही भतीजे चिराग को कामयाबी मिली हो, लेकिन असली लड़ाई तो अब होगी. चिराग के सामने महागठबंधन से राजद उम्मीदवार शिवचंद्र राम हैं. अब देखना ये होगा कि क्या चिराग अपने पिता की राजनीतिक विरासत हासिल करने में कामयाब होते हैं या फिर पासवान खानदान के किले पर राजद का कब्जा हो जाएगा. 


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हाजीपुर का चुनावी इतिहास बताता है कि सुरक्षित सीट होने के कारण यहां मुख्य रूप से लड़ाई पासवान और रविदास जातियों के बीच होती रही है. दूसरी जातियां यहां तड़का लगाने का काम करती रही हैं. रामविलास पासवान को जब भी यहां शिकस्त मिली तब उन्हें रविदास जाति के उम्मीदवार ने ही पटखनी दी. इस बार की फाइट समझने के लिए जी न्यूज की टीम ने हाजीपुर के वोटरों का मन टटोला. युवा वोटरों ने बातचीत के दौरान बताया कि हमें किसी पार्टी या किसी मजहब से कोई मतलब नहीं है. हमें वैसी सरकार चाहिए, जो युवाओं के लिए बहूयामी विकास कर सके. उनके लिए रोजगार सृजित करे. शहर में ही अच्छी शिक्षा की व्यवस्था उपलब्ध हो.


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युवा वोटरों ने कहा कि जिले में कारखाने-फैक्ट्रियां खोले जाने चाहिए, जिससे लोगों को रोजगार के लिए बाहर ना पड़े.  युवा वोटर बताना चाहते हैं कि शहर की सड़कों को भी काफी डेवलप करने की जरूरत है. जाम यहां बड़ी समस्या है. वहीं केंद्रीय विद्यालय भी एक मुद्दा है. उसके लिए जल्द से जल्द भूमि निर्गत की जाए, ताकि विद्यालय अच्छी जगह पर सुचारू तरीके से चल पाए. इस दौरान वोटरों ने रामविलास पासवान की और मोदी सरकार की कई योजनाओं की तारीफ की. 


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उन्होंने कहा कि मोदी जी ने स्किल को लेकर जो काम किया है, वह काफी सराहनीय है. रामविलास पासवान की देन है कि यहां सिपेट और जोनल जैसे प्रमुख कार्यालय हैं. उन्होंने कहा कि चिराग पासवान उनके लड़के हैं जो अधूरे सपने, जो अधूरे काम रामविलास पासवान के अधूरे रह गए हैं, उनका पूरा करने का काम चिराग पासवान करें. 


रिपोर्ट- रवि मिश्रा