Bihar Politics: मुस्लिम आरक्षण पर राजद अध्यक्ष लालू यादव महज कुछ घंटों में अपनी बात से पलट गए. आरजेडी चीफ ने पहले मुसलमानों को आरक्षण देने की बात कही थी, लेकिन अब वह इससे मुकर गए. लालू ने अब साफ कहा है कि ओबीसी कोटे से मुसलमानों को आरक्षण नहीं दिया जा सकता है. तीसरे चरण के मतदान से पहले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि भाजपा वाले जंगल राज की बात कहकर लोगों को भड़का रहे हैं. राजद अध्यक्ष ने कहा था कि भाजपा के लोगों में हार का डर कुछ इस कदर है कि लोगों को भड़काने का काम कर रहे हैं. ये लोग देश के लोकतंत्र और संविधान को खत्म करना चाहते हैं. इस दौरान उन्होंने कहा था कि देश के मुसलमानों को पूरा आरक्षण मिलना चाहिए. लालू ने कहा था कि हमारे पक्ष में सारा वोटिंग हो रहा है. बीजेपी वाले भड़का रहे हैं क्योंकि वो डर गए हैं. आरक्षण का प्रावधान है... वो तो लोकतंत्र और संविधान को खत्म करना चाहते हैं. ये बात जनता समझ चुकी है. 


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लालू यादव के इस बयान पर सियासी बखेड़ा खड़ा हो गया था. बीजेपी ने इसे मुद्दा बनाकर हमला करना शुरू दिया था. जिसके बाद राजद अध्यक्ष भी अपने बयान से पलट गए. वहीं वरिष्ठ पत्रकार सुनील मिश्रा का कहना है कि लालू यादव ने इस तरह का बयान देकर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की है. लोकसभा चुनाव हो या राज्यसभा चुनाव में 'MY समीकरण' का ध्यान नहीं रखा गया. अशफाक करीम को दोबारा राज्यसभा नहीं भेजा गया. लोकसभा में अपने हिस्से की 23 सीटों में से सिर्फ दो सीटों पर मुस्लिम नेताओं को टिकट दी. इससे मुस्लिम नेताओं में नाराजगी देखने को मिल रही है.


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मुस्लिम समाज के कई कद्दावर नेताओं ने राजद से दूरी बना ली है. इसी के कारण लालू यादव ने खुलकर मुस्लिम आरक्षण की वकालत की थी. इससे वह अपने कोर वोटबैंक को जोड़े रखना चाहते थे. हालांकि, इसमें एक बड़ा रिस्क था, क्योंकि मुसलमानों को आरक्षण ओबीसी कोटे से ही दिए जाने की बात हो रही है. अगर मुसलमानों को आरक्षण दिया गया तो जाहिर सी बात है कि ओबीसी का कोटा कटेगा. इससे गैर यादव ओबीसी वोटर राजद से दूरी बना सकता है. यही वजह है कि लालू अपनी बात से पलट गए हैं.