पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को अपना इस्तीफा देने का विचार किया है. सूत्रों के अनुसार उन्हें रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में फिर से शपथ लेने की संभावना है. एक महत्वपूर्ण प्रश्न है कि नीतीश कुमार को 'इंडिया' ब्लॉक से एनडीए में आने के लिए किसने प्रेरित किया. इसका साफ उत्तर है कि उन्हें अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और बीजेपी के समर्थन के बाद देशभर में उज्ज्वलता महसूस हो रही थी. कई जगह चर्चा है कि गठबंधन में इन पांच सीट को लेकर भी नीतीश ने यू टर्न का मन बनाया है.


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कई राजनीतिक विशेषज्ञ का कहना है कि नीतीश कुमार को 'इंडिया' ब्लॉक में असुरक्षित महसूस हो रहा था क्योंकि कई राजनीतिक विशेषज्ञों ने कहा था कि अगर वह विपक्षी गठबंधन में रहेगा, तो उसे बिहार में पांच सीटें भी नहीं मिलेंगी. यही कारण है कि नीतीश ने गठबंधन से अलग होने का मन बना लिया. इधर, प्रशांत किशोर ने दावा किया कि अगर जेडीयू पांच से अधिक सीटें जीतेगी, तो वह माफी मांगेंगे. नीतीश कुमार को लगता है कि 'इंडिया' ब्लॉक में उनका भविष्य उज्ज्वल नहीं है. उन्होंने इस ब्लॉक के काम में ध्यान नहीं दिया और गठबंधन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनने में असफल रहे. इसके अलावा नीतीश कुमार बीजेपी के साथ समर्थन के बाद बिहार के मुख्यमंत्री रहने का फैसला किया. इससे उन्हें अधिक समर्थन मिला लेकिन महागठबंधन से बाहर निकलने का फैसला किया.


नीतीश कुमार अपने गठबंधन सहयोगियों के खिलाफ हो रहे हैं और उन्होंने वंशवाद की राजनीति पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उनका इरादा वंशवाद पर नहीं है और वे किसी भी परिवार के सदस्य को बढ़ावा नहीं देते हैं. इसके बाद उनकी पार्टी को नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ समर्थन देने का फैसला किया.


रोहिणी आचार्य ने बाद में अपने पोस्ट को हटा दिया, लेकिन यह उनके और नीतीश कुमार के बीच चल रहे झगड़े करने के लिए काफी था. उन्होंने कहा कि राज्य में कुछ लोग अपनी कमियों पर विचार नहीं करते और दूसरों पर कीचड़ उछालने का काम करते है. इन पोस्ट के बाद नीतीश कुमार ने कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की और गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं था.


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