Bihar Politics: मकर संक्रांति पर बिहार के सियासी गलियारों में 'दही-चूड़ा भोज' का कार्यक्रम किया जा रहा है. राजद अध्यक्ष लालू यादव की ओर से आज यानी सोमवार (15 जनवरी) को राबड़ी आवास पर सबसे बड़ा सियासी भोज आयोजित किया गया. इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हुए. वहीं जेडीयू कोटे से मंत्री रत्नेश सदा के यहां भी भोज का आयोजन किया गया है. इसमें भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल होंगे. इसके अलावा बीजेपी कार्यालय में भी 'दही-चूड़ा भोज' का आयोजन किया जाएगा. इसका आयोजन भाजपा किसान मोर्चा की ओर से किया जाएगा. 


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इन सबमें लालू यादव की ओर से आयोजित हो रहा 'दही-चूड़ा भोज' सबसे ज्यादा चर्चा में है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि लालू का दही-चूड़ा भोज हमेशा से ही बिहार की सियासत को नए रूप देता रहा है. लालू ने पूरे चार साल बाद एक बार फिर से इस कार्यक्रम का आयोजन किया है. लालू का यह कार्यक्रम ऐसे वक्त में आयोजित किया गया है जब नीतीश कुमार इंडी अलायंस से नाराज बताए जा रहे हैं. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले लालू की ओर से इस तरह का आयोजन काफी अहम माना जा रहा है. इस कार्यक्रम में इंडी गठबंधन के नेता शामिल हुए हैं. 


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इस कार्यक्रम के जरिए पूरे 90 दिन बाद राबड़ी आवास पर लालू से नीतीश की मुलाकात हुई. कयास ये लगाए जा रहे हैं कि दही चूड़ा भोज से दोनों दलों राजद-जदयू के रिश्तों में और मिठास आ जाएगी. ये भोज इसलिए भी अहम है क्योंकि नीतीश कुमार बीते करीब 3 महीने बाद राबड़ी आवास पहुंचे हैं और यहां उन्होंने लालू यादव से मुलाकात की. इससे पहले आखिरी मुलाकात राबड़ी आवस पर बीते साल 16 अक्टूबर को हुई थी. उस समय नीतीश कुमार अचानक ही लालू यादव से मिलने राबड़ी आवास पहुंचे थे. उस वक्त राजद नेताओं की ओर से मुख्यमंत्री पर बयानबाजी की जा रही थी. 


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सूत्रों के मुताबिक, लालू के दही-चूड़ा भोज में इंडी अलायंस में सीटों के गणित को सुलझाने की कोशिश होगी. उधर जेडीयू नेता और बिहार सरकार में एससी/एसटी कल्याण मंत्री रत्नेश सदा के आवास पर दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया जा रहा है. उन्हें इसका डायरेक्शन रविवार (14 जनवरी) की शाम को मिला था. जिसके बाद उन्होंने तुरंत तैयारी शुरू कर दी थी. मंत्री ने बताया कि लगभग 1,000 लोगों को न्योता दिया गया है. यहां भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगभग 12:30 बजे पहुंचेंगे. खास बात ये है कि जदयू के भोज में महागठबंधन के अन्य दोनों को न्यौता नहीं है.