Bihar Politics: तीन दिन पहले बिहार में बनी एनडीए सरकार, पर मंत्रियों के पास अब भी नहीं विभाग
Bihar Politics: बिहार में नई एनडीए सरकार के गठन के तीन दिन बीत जाने के बाद भी 28 जनवरी को शपथ लेने वाले मंत्रियों को अभी तक विभाग आवंटित नहीं किए गए हैं. ऐसी स्थिति पहले कभी पैदा नहीं हुई थी.
पटना: Bihar Politics: बिहार में नई एनडीए सरकार के गठन के तीन दिन बीत जाने के बाद भी 28 जनवरी को शपथ लेने वाले मंत्रियों को अभी तक विभाग आवंटित नहीं किए गए हैं. ऐसी स्थिति पहले कभी पैदा नहीं हुई थी. सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार और राज्य भाजपा नेतृत्व के बीच कुछ ठीक नहीं है. नीतीश कुमार के साथ 8 मंत्रियों - जिनमें दो उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा शामिल हैं - ने 28 जनवरी को शपथ ली थी, लेकिन वे अभी भी बिना किसी विभाग के हैं.
सूत्रों का कहना है कि चौधरी और सिन्हा ने कैबिनेट सचिवालय द्वारा आवंटित आधिकारिक कारों को भी स्वीकार करने से इनकार कर दिया, क्योंकि उन्हें वे कारें दी गई थीं, जिनका इस्तेमाल महागठबंधन सरकार के दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने किया था. मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार के पिछले 18 वर्षों के कार्यकाल में ऐसे हालात कभी पैदा नहीं हुए थे.
2015 में नीतीश कुमार ने राजद के साथ सरकार बनाई और उन्होंने तेजस्वी यादव के साथ 20 नवंबर 2015 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और तेजस्वी को उपमुख्यमंत्री बनाया था. इसके अलावा, 23 मंत्रियों ने भी उसी दिन शपथ ली और कुछ ही घंटों में विभाग आवंटित कर दिए थे. जब नीतीश कुमार 2017 में एनडीए में चले गए, तो उन्होंने और सुशील कुमार मोदी ने 27 जुलाई, 2017 को शपथ ली थी और दो दिनों के बाद 27 और मंत्रियों ने शपथ ली थी और कुछ ही घंटों के भीतर विभागों का बंटवारा हो गया था.
2020 में नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ सरकार बनाई और उन्होंने 16 नवंबर, 2020 को दो डिप्टी सीएम - तार किशोर प्रसाद और रेनू देवी सहित 15 मंत्रियों के साथ शपथ ली थी और उसी दिन विभागों का फैसला कर दिया गया था. वहीं 2022 में जब नीतीश कुमार ने फिर यू-टर्न लिया तो उन्होंने तेजस्वी यादव और 31 मंत्रियों के साथ 9 अगस्त 2022 को शपथ ली थी और उसी दिन विभागों का बंटवारा भी कर दिया था.
सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार भाजपा को वे विभाग देना चाहते हैं, जो पहले राजद और कांग्रेस के पास थे, लेकिन भाजपा गृह और सामान्य प्रशासन चाहती है. यही वजह है कि दोनों पक्षों के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है.
इनपुट-आईएएनएस के साथ
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