Citizenship Amendment Act: लोकसभा चुनाव में उतरने से पहले पीएम मोदी ने एक और बड़ा दांव चल दिया है. मोदी सरकार ने चुनाव से ठीक पहले CAA को लागू करने का नोटिफिकेशन जारी करके अपने घोषणा पत्र का एक और वादा धरातल पर उतार दिया है. इसी के साथ नागरिकता संशोधन कानून देशभर में लागू हो गया है. सरकार ने इस बिल को दिसंबर 2019 में ही दोनों सदनों से पास करा लिया था. हालांकि, उसके बाद हुए विरोध के कारण इसे लागू नहीं किया गया है. अब एक बार फिर से इस कानून पर राजनीति शुरू हो चुकी है. विपक्ष की ओर से इसका विरोध किया जा रहा है और सरकार के खिलाफ घेराबंदी की रणनीति तैयार की जा रही है. इसी बीच एनडीए से नाराज चल रहे लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान की प्रतिक्रिया भी सामने आ चुकी है. 


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चिराग ने CAA कानून पर ना सिर्फ अपना स्टैंड क्लियर किया, बल्कि इशारों-इशारों में बीजेपी को भी बड़ा संकेत दे दिया है. CAA लागू होने का चिराग ने समर्थन किया. उन्होंने साफ कहा कि मैं और मेरी पार्टी देशहित में लिए गए इस ऐतिहासिक फैसले का स्वागत करता हूं. चिराग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि पिछले कई दशकों से देश की राजनीतिक पार्टियों द्वारा CAA के नाम पर गुमराह किया गया. हम सभी जानते है की CAA नागरिकता देने वाला कानून है. इस कानून के माध्यम से दशकों से पीड़ित शरणार्थियों को सम्मानजनक जीवन मिलेगा और नागरिकता अधिकार से उनके सांस्कृतिक, भाषिक, सामाजिक पहचान की रक्षा होगी. मैं और मेरी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) केंद्र सरकार के द्वारा देशहित में लिए गए इस ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत एवं अभिनंदन.


 



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चिराग की ओर से CAA का समर्थन करके बीजेपी को संकेत दिया गया है कि उन्हें सिर्फ नीतीश कुमार से दिक्कत है. बता दें कि जब से नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी हुई है, तभी से चिराग नाराज बताए जा रहे हैं. अपनी नाराजगी को जाहिर करने के लिए वह पीएम मोदी के कार्यक्रम से भी दूर रहे थे. सूत्रों के मुताबिक, नीतीश को एनडीए से बाहर कराने के लिए चिराग ने उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी को भी साधने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें बीजेपी ने मना लिया है. चिराग अब भी नाराज बताए जा रहे हैं. चिराग की एनडीए से नाराजगी को देखते हुए तेजस्वी यादव ने उन्हें महागठबंधन में आने का न्यौता दिया है. जिसके बाद से चिराग काफी कन्फ्यूज हैं.


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उधर बीजेपी ने भी उनको मनाने का एक आखिरी प्रयास करने को तैयार है. बीजेपी ने सीट शेयरिंग का ऐसा फॉर्मूला तैयार किया है, जिससे चिराग का सम्मान बरकरार रह सकता है. सूत्रों के मुताबिक, बिहार की 40 सीटों में बीजेपी अपनी सिटिंग सीटें यानी सभी 17 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी. वहीं जेडीयू को इस बार 12 सीट देने का प्लान है. अगर नीतीश कुमार 16 सीटों पर अड़े रहे, तो उनको बिहार के बाहर सीटें दी जा सकती हैं. बाकी बची 11 सीटों में से मांझी और कुशवाहा को 2-2 सीटें मिल सकती हैं. बची हुई 7 सीटों को लोजपा के दोनों धड़ों के बीच बांटने का प्लान है. इसमें अगर पशुपति पारस हाजीपुर सीट छोड़ते हैं तो उनको 4 सीटें और चिराग को 3 सीटें मिल सकती हैं. वहीं अगर पशुपति हाजीपुर नहीं छोड़ेंगे तो चिराग को 4 सीटें मिल सकती हैं. अगर इस प्लान को किसी ने मानने से इनकार किया तो उसे एनडीए से बाहर करने का भी प्लान है.