Chirag Pswan Contest Election From Hajipur Seat: चिराग पासवान ने एक लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार अपनी राजनीतिक विरासत को हासिल कर लिया है. एनडीए गठबंधन में उनको 5 सीटें मिली हैं, जिनमें उनके पिता की कर्मभूमि रही हाजीपुर सीट भी शामिल है. चिराग ने अब हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया है. एनडीए में सीटों का बंटवारा होने के बाद चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) की केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक हुई. इस बैठक में चिराग पासवान की सीट फाइनल कर दी गई साथ ही चिराग को फैसले लेने के लिए अधिकृत किया गया. बैठक के बाद चिराग ने कहा कि मैं अपने पिता की तरह ही हाजीपुर सीट को अपनी कर्मभूमि बनाऊंगा. 


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चिराग पासवान ने कहा है कि हाजीपुर सीट को अपनी कर्मभूमि बनाऊंगा. चाचा पशुपति पारस को लेकर चिराग ने कहा कि अलग होने का फैसला उन्हीं ने किया था और अब ऐसे वक्त में उनका साथ आना है या अलग चुनाव लड़ना है, यह फैसला भी उन्हीं को करना है. पशुपति पारस को लेकर चिराग पासवान ने कहा है कि यदि वह हाजीपुर से चुनाव लड़ रहे हैं तो मैं हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हूं. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अगले 4 दिनों के भीतर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर देगी.


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इससे पहले भी चिराग ने कहा था कि मैं हाजीपुर से चुनाव लडूंगा. हमने भी गठबंधन में अपनी एक सीट छोड़ी है. कहीं न कहीं सभी को गठबंधन में कुछ ना कुछ बलिदान देना पड़ता है. मैं हर चुनौती के लिए तैयार हूं. मेरे सामने कोई भी चुनौती आती है तो उसका शक्ति से सामना करूंगा. अपने चाचा को लेकर उन्होंन कहा था कि मैंने-मैंने बार बार ये बात कहा है कि परिवार के बड़े वो हैं. उन्हीं को ये फैसला लेना है. मेरे पिता के जाने के बाद परिवार के मुखिया की भूमिका में वही थे. मेरे पिता के स्थान पर वही थे.