पटना: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने बुधवार को कहा कि वह हाजीपुर लोकसभा सीट पर पशुपति कुमार पारस को टक्कर देने के लिए तैयार हैं. इसके साथ ही अपने चाचा पारस पर सीधे हमला करने से बचते हुए कहा कि यह उन्हें तय करना है कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ खड़े रहना चाहते हैं या नहीं. लोजपा (रामविलास) के संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद, चिराग पासवान ने कहा कि इस बात पर सर्वसम्मति थी कि वह हाजीपुर से चुनाव लड़ेंगे जबकि चार अन्य सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कुछ दिनों में की जाएगी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोजपा के साथ गठबंधन करने का फैसला किया जिसके विरोध में पारस ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है.


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पारस के हाजीपुर लोकसभा सीट से पुन: चुनाव लड़ने के बारे में पूछे जाने पर जमुई के मौजूदा सांसद ने कहा कि वहां से चुनाव लड़ने के लिए उनका स्वागत है. चिराग पासवान ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह मेरे चाचा को तय करना है. उन्होंने हमेशा कहा है कि वह हमेशा प्रधानमंत्री मोदी के साथ खड़े रहेंगे. अब उन्हें तय करना है कि क्या वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के लिए 400 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य हासिल करने के उनके रास्ते में बाधा बनना चाहते हैं.’’ चिराग पासवान ने कहा कि उन्होंने राजनीति में कई चुनौतियों का सामना किया है और इसका सामना करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने यह टिप्पणी हाजीपुर में संभावित ‘चाचा बनाम भतीजे’ की लड़ाई के संदर्भ में की.


उन्होंने कहा कि हाजीपुर उनके दिवंगत पिता और प्रसिद्ध दलित नेता राम विलास पासवान की ‘कर्मभूमि’ रही है. उन्होंने जमुई के बजाय हाजीपुर से चुनाव लड़ने के फैसले को सही ठहराया. चिराग ने 2014 और 2019 में जमुई से जीत दर्ज की थी. पारस ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए सहयोगियों के साथ सीट-बंटवारा समझौते से उनकी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) को बाहर रख कर उसके साथ ‘अन्याय’ किया है. पारस के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने की घोषणा भाजपा के नेतृत्व वाले राजग द्वारा सीट-बंटवारे का ऐलान करने के बाद आई.


इनपुट- भाषा


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