Bihar News: नीतीश के राजग में जाने का इंडिया गठबंधन पर कोई असर नहीं होगा: रमेश किशनगंज (बिहार), 29 जनवरी (भाषा) कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोमवार को कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महागठबंधन को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में जाने से विपक्षी गठजोड़ इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) पर कोई असर नहीं पड़ेगा. भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान किशनगंज में रमेश ने कटाक्ष करते हुए कहा कि अब आया कुमार, गया कुमार है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नीतीश कुमार के बीजेपी (BJP) के साथ जाने को लेकर कांग्रेस नेता ने कहा, इसका इंडिया गठबंधन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा...बिल्कुल कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. ये नीतीश कुमार की शैली है....यह आया राम, गया राम नहीं है, बल्कि यह आया कुमार, गया कुमार है. रमेश ने यह आरोप भी लगाया कि नीतीश कुमार द्वारा विश्वासघात की पूरी भूमिका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रची गई थी. उन्होंने कहा, जब 14 जनवरी को मणिपुर के थौबल से भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू हुई तो प्रधानमंत्री मोदी ने मिलिंद देवरा को कांग्रेस से हटाने के लिए मुहूर्त तय किया. इसलिए, सुर्खियां भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बजाय मिलिंद देवरा बन गईं. 


रमेश ने आरोप लगाया, उनकी (बीजेपी (BJP)) नजर भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बिहार के किशनगंज में प्रवेश करने पर थी. इसलिए उन्होंने पलटी मारने में महारत रखने वाले नीतीश कुमार को पाला बदलने के लिए कहा... उन्होंने ऐसा ही किया. उन्होंने दावा किया कि सोमवार सुबह भारत जोड़ो न्याय यात्रा के किशनगंज जिले में पहुंचने के बाद कांग्रेस को यहां की जनता से जबरदस्त समर्थन मिला है. 


राहुल गांधी के नेतृत्व वाली यह यात्रा पश्चिम बंगाल से बिहार में दाखिल हुई है. नीतीश कुमार ने रविवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी (BJP) के साथ मिलकर नई सरकार का गठन किया. उन्होंने करीब दो दशक के दौरान नौवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. 


यह भी पढ़ें: Bharat Jodo Nyay Yatra: बिहार में गई सरकार, राहुल गांधी चर्चा करने लगे मणिपुर की


नीतीश इंडिया गठबंधन के सूत्रधार थे. उनकी पहल पर ही पिछले साल जून में विपक्षी एकजुटता और फिर इस गठबंधन की बुनियाद रखी गई थी. नीतीश के राष्ट्रीय जनतांत्रित गठबंधन (राजग) में वापस जाने को विपक्षी दलों के एकजुट होने की कवायद के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. 


इनपुट: भाषा