पटना: बिहार में महागठबंधन से जदयू के बाहर निकल जाने के बाद सहयोगी दलों में लोकसभा चुनाव के लिए सीटों की अपेक्षाएं बढ़ गई हैं, जिस कारण उनकी मांग भी बढ़ी हैं. भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य का कहना है कि महागठबंधन से नीतीश कुमार की जदयू के बाहर निकलने के बाद भाकपा माले निश्चित रूप से आगामी लोकसभा चुनाव में बड़ी हिस्सेदारी मांगेगी. एक-दो दिन में राजद समेत महागठबंधन के नेताओं से इस मामले पर चर्चा की जाएगी. इससे पहले भाकपा माले ने महागठबंधन में पांच सीटों की मांग रखी थी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भाकपा माले महासचिव ने पटना में कहा कि बिहार विधानसभा में भाकपा माले के कुल 12 विधायक हैं. गठबंधन के लिए हमने बलिदान दिया है. राज्यसभा की सीट पर हमारा 'वैध दावा' था लेकिन कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के हस्तक्षेप करने के बाद महागठबंधन के हित में हमने राज्यसभा सीट के लिए अपना दावा छोड़ दिया. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी सीटों की अपनी मांग बढ़ा दी है. कांग्रेस के एक नेता कहते हैं कि स्वाभाविक है कि जदयू महागठबंधन से बाहर हो गई है तो सहयोगियों में हिस्सेदारी भी बढ़ेगी. उन्होंने यह भी कहा कि महागठबंधन का मुख्य उद्देश्य लोकसभा चुनाव में अधिक से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करने की है.


बता दें कि पिछले महीने जदयू ने महागठबंधन से पाला बदलते हुए एनडीए में शामिल हो गई. पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 सीटों में से एनडीए ने 39 सीटों पर कब्जा जमाया था. महागठबंधन में शामिल कांग्रेस को सिर्फ एक सीट पर विजय मिली थी, जबकि राजद का खाता भी नहीं खुला था. ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा कि


इनपुट- आईएएनएस


ये भी पढ़ें- बिहार सरकार ने नियोजित शिक्षकों को दी राहत, दो बार होगी ऑफलाइन सक्षमता परीक्षा