Bihar Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में दल-बदल का सिलसिला अभी तक जारी है. नेतागण अपना नफा-नुकसान का आंकलन लगाते हुए पाला बदलने में लगे हुए हैं. इसी कड़ी में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फिर एक झटका लगा है. जेडीयू की पूर्व विधायक पूनम देवी ने पांचवें चरण से ठीक पहले कांग्रेस का दामन थाम लिया है. वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की करीबी नेताओं में से एक हुआ करती थीं. खगड़िया सदर विधानसभा से वह लगातार 15 साल (2005 से लेकर 2020 तक) तक विधायक रह चुकी हैं. हालांकि, 2020 में हुआ विधानसभा चुनाव वह हार गई थीं. वह दीघा और मसौढ़ी विधानसभा से भी विधायक रह चुकी हैं. पांचवें चरण की वोटिंग से ठीक पहले उनका कांग्रेस में जाना, नीतीश कुमार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. 


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बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने पूनम देवी को प्राथमिकता सदस्यता दिलाई और कांग्रेस में आने की बधाई दी. इस मौके पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने बिहार में महागठबंधन की जीत होने का दावा किया. उन्होंने कहा कि चार चरण के चुनाव बीत चुके हैं. आगे के अंतिम तीन चरणों में भी एनडीए के घटक दलों और भाजपा की स्थिति नाजुक ही रहेगी. उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर बिहार के साथ सौतेला व्यवहार का आरोप लगाया. कहा कि बिहार को न विशेष राज्य का दर्जा दिया और न ही विशेष पैकेज. पूनम देवी के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि उनके आने से पार्टी को पटना साहिब और पाटलिपुत्र दोनों ही लोकसभा सीटों और ज्यादा मजबूती मिलेगी. 


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वहीं पूनम देवी ने इसे अपनी घर वापसी बताया. उन्होंने कहा कि राम जी को 14 वर्षों का वनवास हुआ था. वह भी कांग्रेस में 24 वर्षों के बाद शामिल हो रही है. उन्होंने कहा कि वह पहली बार 1985 में कांग्रेस से जुड़ी थी और कांग्रेस से ही मसौढ़ी विधानसभा से विधायक बनी थीं. पूनम देवी ने कहा कि कांग्रेस ने हमें 1996 में बाढ़ लोकसभा क्षेत्र से नीतीश कुमार के खिलाफ उतारा था, लेकिन हम जीत नहीं पाए थे. जब कांग्रेस का जनाधार समाप्त हुआ तो नीतीश कुमार के साथ चले गए. अब फिर से अपनी पुरानी पार्टी में आई हूं.