रांचीः Hemant Soren: झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी (शुक्रवार) को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से सोरेन की गिरफ्तारी पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया. हाईकोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने भी झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को राहत नहीं मिली है.  


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'मुख्यमंत्री को अपना गुनाह कबूल कर लेना चाहिए'
इस पर भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि उन्होंने पहले ही हेमंत सोरेन को नसीहत दी थी कि कोर्ट- कोर्ट ना खेले. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर हम सब की याचिका पर सीधे सुनवाई करेंगे, वह भी ठीक नहीं है. हाई कोर्ट भी संवैधानिक संस्था है. पहले वहां जाना चाहिए था. वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री को अपना गुनाह कबूल कर लेना चाहिए और यह जो समय बर्बाद कर रहे हैं, वह नहीं करना चाहिए 


बुधवार को हेमंत सोरेन को किया गया था गिरफ्तार 
दरअसल, भूमि घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में पूछताछ के बाद केंद्रीय एजेंसी ने 31 जनवरी दिन बुधवार को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया था. उन्हें 1 फरवरी दिन गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया और एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. झामुमो नेता ने ईडी पर आरोप लगाया था कि कुछ महीनों बाद होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार की तरफ से एक सुनियोजित साजिश के तहत उन्हें गिरफ्तार किया गया है. सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपनी याचिका में सोरेन ने आग्रह किया कि उनकी गिरफ्तारी को अनुचित, मनमाना और उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन घोषित किया जाए.


प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 1 फरवरी दिन गुरुवार को रांची में एक विशेष पीएमएलए कोर्ट के समक्ष सोरेन को पेश करते हुए दावा किया था कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने अवैध रूप से रांची में 8.5 एकड़ की 12 आसन्न भूमि पार्सल हासिल की थी. हेमंत सोरेन के खिलाफ केंद्रीय एजेंसी की जांच 2023 में राज्य में राजस्व विभाग के एक उप-निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के खिलाफ की गई छापेमारी से जुड़ी है, जिन्होंने भू-माफिया के साथ मिलकर काम किया था.


इनपुट- आयुष कुमार सिंह 


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