भागलपुरः Lok Sabha Election 2024: मंजूषा भागलपुर की लोक कला है. अंगप्रदेश की लोककला मंजूषा कला के जरिये वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन ने खास पहल की है. दरअसल, समाहरणालय और सरकारी कार्यालयों में मंजूषा पेंटिंग वाले बैनर पोस्टर लगाए गए हैं. कई जगह सेल्फी पॉइंट बनाये गए है. ताकि युवा सेल्फी लेकर सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को मतदान के प्रति जागरूक कर सके. 


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इससे दो तरह का फायदा होगा. एक तो वोटिंग प्रतिशत बढ़ेगा और इसके साथ ही साथ मंजूषा कला को भी बढ़ावा मिलेगा. बिहार के भागलपुर में 2019 के लोकसभा चुनाव में महज 57 प्रतिशत मतदान हुआ था. इस प्रतिशत को 90 प्रतिशत तक करने के लिए जिलाधिकारी की ओर से लगातार तरह-तरह की पहल की जा रही है. 


भागलपुर की लोक कला है मंजूषा
जिलाधिकारी नवल किशोर चौधरी ने कहा कि हम लोगों ने जागरूकता के लिए मंजूषा कला को भी चुना है. चुनाव के बाद मंजूषा कला को बढ़ावा देने की दिशा में भी काम होगा. बता दें कि मंजूषा कला अंग जनपद की लोककला है. यह बिहुला विषहरी पर आधारित है. यह एक मात्र ऐसी कला है जिसमें कहानी को श्रृंखलाबद्ध तरीके से चित्रांकित किया जाता है. मंजूषा पौराणिक काल से चलती आ रही कला है. इस कला में मुख्यतः तीन रंग लाल, हरा और पीला रंग का प्रयोग होता है. मंजूषा कला को विक्रमशिला एक्सप्रेस ट्रेन, रेलवे स्टेशन समेत कई सरकारी भवनों पर उकेरा गया है.


बिहुला विषहरी के समय से चलती आ रही है कला
बता दें कि मंजूषा कला अंग जनपद की लोककला है. ये बिहुला विषहरी के समय से चलती आ रही है. इस कला का अपना अलग ही महत्व है. इस कला को जीआई टैग मिलने के दो साल बाद सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में मंजूषा पेंटिंग की मांग बढ़ गई. जिसके वजह से वहां के कलाकारों को ज्यादा काम मिलना शुरू हो गया. वहीं इस कला में गुलाबी, हरा और पीला तीन रंगों का प्रयोग किया जाता है. यह तीनों रंग प्रेम, समृद्धि और विकास के प्रतीक है. 
इनपुट- अश्वनी कुमार, भागलपुर 


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