Bihar Political Crisis: जेडीयू के कुछ विधायकों से यह काम करवा लिया तो लालू प्रसाद यादव बन सकते हैं बाजीगर
Bihar Political Crisis: मध्य प्रदेश और कर्नाटक में भाजपा ने कांग्रेस विधायकों के साथ यही तो किया था. जेडीयू के कुछ विधायक अगर इस्तीफा दे देते हैं तो विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा कम हो सकता है. नवंबर दिसंबर के महीने में नीतीश कुमार की पार्टी को तोड़े जाने की कोशिशें हुई थीं और नीतीश कुमार को इस बात की भनक लग गई थी.
Bihar Political Crisis: राजनीति में कब क्या हो जाए, कहा नहीं जा सकता. अब देखिए न, कल तक महागठबंधन की सरकार अच्छी खासी चल रही थी और राजद, जेडीयू और कांग्रेस के प्रवक्ता सरकार के कामकाज और उसके स्थायित्व को लेकर पूछे गए सवालों का मजाक उड़ाते थे पर आज नीतीश कुमार अपनी पार्टी और सरकार दोनों बचाने की जुगत में हैं तो राजद की ओर से भी सत्ते पे सत्ता वाला खेल खेला जा रहा है. अब लगभग यह तय हो चुका है कि नीतीश कुमार महागठंधन का हिस्सा नहीं होंगे और अब केवल औपचारिक ऐलान ही बाकी है, ऐसे में लालू प्रसाद यादव एक ऐसी चाल चल सकते हैं, जिससे उनके बेटे की ताजपोशी भी हो जाए और नीतीश कुमार से वे बदला भी ले सकते हैं.
दरअसल, नवंबर दिसंबर के महीने में नीतीश कुमार की पार्टी को तोड़े जाने की कोशिशें हुई थीं और नीतीश कुमार को इस बात की भनक लग गई थी. यह कोशिश कोई और लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद की ओर से हो रही थी. इसके लिए पटना में 12 विधायकों की बैठक हुई थी, जिनमें से एक ने नीतीश कुमार को पूरी खबर दे दी थी और जेडीयू टूटने से बच गई थी. उसके बाद से राजद और जेडीयू के रिश्ते अपने अंतिम दौर में पहुंच गए थे. इस तरह लालू प्रसाद यादव की कोशिश असफल हो गई थी.
भले ही लालू प्रसाद यादव जेडीयू विधायकों को तोड़ न पाएं, लेकिन अगर वे जेडीयू के कुछ विधायकों से इस्तीफा दिलवाने में कामयाब हो जाते हैं तो उनका रास्ता आसान हो सकता है. मध्य प्रदेश और कर्नाटक में भाजपा ने कांग्रेस विधायकों के साथ यही तो किया था. जेडीयू के कुछ विधायक अगर इस्तीफा दे देते हैं तो विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा कम हो सकता है. अभी कांग्रेस और वामदल को मिलाकर राजद के पास 114 विधायकों की संख्या है. अगर एक दर्जन विधायक इस्तीफा दे देते हैं तो बहुमत साबित करने के लिए लगभग इतने ही विधायकों की जरूरत होगी, जितनी कि राजद के पास है. लालू प्रसाद यादव अगर इसमें कामयाब हो जाते हैं तो उनका वर्षों पुराना सपना पूरा हो सकता है और तेजस्वी यादव की बिहार में बतौर मुख्यमंत्री ताजपोशी हो सकती है.
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राजद के पास अभी 79 विधायक हैं. 19 विधायक कांग्रेस के, भाकपा माले के 12 विधायक, भाकपा के पास 2 और माकपा के पास 1 विधायक हैं. कुल 114 विधायक राजद के पास हैं. दूसरी ओर, भाजपा के पास 78, नीतीश कुमार की पार्टी के 45 और जीतनराम मांझी के पास 4 विधायकों की संख्या है. जीतनराम मांझी को अगर लालू प्रसाद यादव की ओर से बड़ा ऑफर मिला तो वे राजद के साथ जा सकते हैं.