Bihar Political Crisis: नीतीश से ब्रेकअप को लेकर लालू यादव ने प्लान-B पर शुरू किया काम, HAM चीफ को दिया बड़ा ऑफर
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Bihar Political Crisis: नीतीश से ब्रेकअप को लेकर लालू यादव ने प्लान-B पर शुरू किया काम, HAM चीफ को दिया बड़ा ऑफर

Bihar Political Crisis: सीटों का गुणा-गणित लगाया जा रहा है. राबड़ी आवास पर राजद नेताओं की चहलकदमी बढ़ गई है. बदली परिस्थितियों में जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा किंगमेकर की भूमिका में उभरकर सामने आई है. 

फाइल फोटो

Bihar Political Crisis: बिहार में नीतीश कुमार के बदले रुख से बिहार में राजद के हाथ से सत्ता की बागडोर फिसलती दिख रही है. राजद अध्यक्ष लालू यादव को ये कतई मंजूर नहीं है. लिहाजा वह खुद एक्टिव हो चुके हैं और उन्होंने अब प्लान-बी पर काम शुरू कर दया है. उन्होंने जेडीयू से अलग होकर राजद के नेतृत्व में सरकार बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए सीटों का गुणा-गणित लगाया जा रहा है. राबड़ी आवास पर राजद नेताओं की चहलकदमी बढ़ गई है. सूत्रों के मुताबिक, लालू यादव ने राजद के अलावा कांग्रेस और वामदलों के विधायकों को भी साधने की कोशिश कर रहे हैं. बता दें कि बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं. सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों की जरूरत है.

विधानसभा में राजद सबसे बड़ी पार्टी है. उसके पास 79 विधायक हैं. दूसरे नंबर पर बीजेपी है, उसके पास 77 विधायक हैं. वहीं 45 विधायकों के साथ जेडीयू तीसरे नंबर की पार्टी है. कांग्रेस के पास 19, भाकपा माले के 12, HAM के 4, माकपा के 2 और एक निर्दलीय विधायक है. बिहार विधानसभा में संख्याबल के हिसाब से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनने के लिए सिर्फ 8 विधायकों की जरूरत है. इसके लिए लालू यादव अपनी पूरी ताकत झोंकने में लगे हैं. मौजूदा दौर में जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा किंगमेकर की भूमिका में उभरकर सामने आई है. 

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अब राजद के पास 114 विधायकों का इंतजाम है और अगर लालू प्रसाद यादव 8 विधायकों का इंतजाम कर लेते हैं तो तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनने से कोई नहीं रोक सकता. सूत्रों के मुताबिक, लालू यादव की ओर से जीतन राम मांझी के बेटे और पूर्व मंत्री संतोष सुमन को अपनी सरकार में डिप्टी सीएम का पद ऑफर किया गया है. वहीं बिहार में AIMIM के इकलौते विधायक अख्तरुल इमान और निर्दलीय विधायक मंत्री सुमित सिंह को भी अपने पाले में लाने की कोशिश की जा रही है. इसके आलावा JDU के असंतुष्ट विधायकों से भी संपर्क साधा जा रहा है.

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उधर नीतीश कुमार अगर फिर से NDA में आते हैं और मांझी बाहर जाते हैं, तो भी एनडीए सरकार को कोई दिक्कत नहीं होगी. बीजेपी के पास 78 और नीतीश की पार्टी JDU के 45 विधायक हैं. दोनों के पास कंफर्टेबल मेजोरिटी होगी. हालांकि, अगर नीतीश कुमार के कुछ विधायक पाला बदल लें तो फिर एनडीए के लिए सरकार बनाना आसान नहीं होगा.

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