पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे पर सुशील मोदी ने एक बड़ा बयान दिया है, जिसके बाद  जेडीयू (JDU) के कई नेता ने विरोध जताया है. भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि इस प्रदेश में अपराधिक गतिविधियों का कोई रूप-रेखा तक नहीं है और सुशील मोदी के कारण उसकी सलाह फॉलो करने की कोई आवश्यकता नहीं है. सीबीआई के द्वारा किए जा रहे छापों की बातों पर संसदीय कार्य और वित्त मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आत्मनिर्भर हैं और उन्हें किसी की सलाह की आवश्यकता नहीं है.


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सुशील मोदी के बयान ने राजनीतिक क्षेत्र में हलचल मचा दी है. मंत्री संजय झा ने बताया कि नीतीश कुमार ने 2005 से हमेशा काम किया है और उन्हें जनता पसंद करती है. उनकी कड़ी प्रतिक्रिया के बावजूद झा ने सीट शेयरिंग में किसी देरी की बात को नकारा दिया और सुशील मोदी के बयान को मनगढ़ंत बताया. बिहार में आने वाले समय में केवल बीजेपी और आरजेडी ही दो पार्टियां बचेंगी और इस पर उनकी बहस तेज हो रही है. मंत्री संजय जयसवाल ने बताया कि सीट शेयरिंग में कोई देरी नहीं हुई है और सुशील मोदी के बयान को नकारा दिया.


सीबीआई के द्वारा किए जा रहे छापों की बातें सुनकर भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि वहां कोई अपराधी नहीं हैं, और ऐसा कोई ऑर्गेनाइज्ड क्राइम नहीं हो रहा है. सीबीआई के द्वारा लॉ और ऑर्डर को लेकर की जा रही जांच के संदर्भ में जेडीयू के कई नेता भी अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं. सुशील मोदी ने नीतीश कुमार को अपने पुराने अंदाज में लौटने की सलाह दी है और सीबीआई के छापों की बजाय पुरानी योजनाओं को पुनः आधुनिकीकृत करने की आवश्यकता है, जो कानून और आर्थिक विकास में सुधार कर सकती हैं. सुशील मोदी का यह बयान सीबीआई के द्वारा आए अभियांत्रण मामले के बाद आया है. इसके बावजूद जेडीयू के नेता उसके बयान पर कड़ी आपत्ति जता रहे हैं और उनका कहना है कि नीतीश कुमार ने बिहार में काम करने में हमेशा सफलता प्राप्त की है और उन्हें किसी की सलाह की आवश्यकता नहीं है.


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