रांची : झारखंड में तो चंपई सरकार ने बहुमत हासिल कर लिया लेकिन बिहार में अभी इसके लिए कुछ दिन और इंतजार करना होगा. बिहार में 10 फरवरी को नीतीश कुमार की सरकार विश्वास प्रस्ताव पेश करेगी और उसी दिन इस पर चर्चा के बाद मतदान कराया जाएगा. इससे पहले एनडीए में सब कुछ ठीक न होने के संकेत आ रहे हैं. जीतनराम मांझी ने दो मंत्री पद मांगकर एनडीए के नेताओं की टेंशन बढ़ा दी है. जीतनराम मांझी की इस बार से भी नाराजगी है कि उनके बेटे को अच्छा मंत्रालय नहीं मिला. उनका कहना है कि नीतीश कुमार उन्हें शुरुआत से ही अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्रालय देते रहे हैं और अब बेटे संतोष सुमन को भी वहीं मंत्रालय दे दिया गया है. अब वे महागठबंधन की ओर से मिले आफर का भी जिक्र कर रहे हैं और उनका कहना है कि हमने उधर का न्यौता ठुकराया, इसलिए इनाम स्वरूप हमें 2 मंत्रालय मिलने चाहिए. नहीं तो अन्याय हो जाएगा. इतनी नाराजगी के बाद क्या जीतनराम मांझी एनडीए में खेला करेंगे या नहीं, यह देखना बाकी होगा.


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बिहार विधानसभा में सीटों के गणित की बात करें तो कुल 243 सीटों में बहुमत का आंकड़ा 122 है और एनडीए सरकार का दावा है कि 128 विधायक उनके पक्ष में हैं. ऐसे में अगर मांझी की पार्टी अपना समर्थन वापस ले भी लेती है तो उसके 4 विधायकों के अलग हो जाने से सरकार की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला और सरकार के पावस 124 विधायकों की संख्या होगी, जो बहुमत के आंकड़े से 2 अधिक है. 


अब दोनों पक्षों की ओर से खेला होने की बात कही जा रही है. राजद की ओर से संकेत दिए जा रहे हैं कि वह विधानसभा में खेला कर सकती है तो जेडीयू की ओर से अशोक चौधरी का कहना है कि खेला होगा पर किसके पक्ष में होगा, यह तो वक्त ही बताएगा. बता दें कि कांग्रेस ने विधायकों में तोड़फोड़ के डर से 19 में से 16 विधायकों को हैदराबाद भेज दिया गया है. हालांकि कांग्रेस के 3 विधायक कहां हैं, इस बारे में तरह तरह की बात कही जा रही है.


हालांकि कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि बिहार में कोई तोड़फोड़ नहीं होने वाली है. हालांकि 3 विधायक हैदराबाद नहीं गए हैं, जिनके बारे में लगातार सवाल उठ रहे हैं. उधर, निर्दलीय सुमित कुमार सिंह ने बड़ा दावा करते हुए कहा, उनके 16 विधायक तो हैदराबाद गए हैं पर 3 विधायक कहां हैं. उनके तो 19 विधायक हैं. 3 अब भी नहीं गए हैं और नहीं गए हैं तो वे कहां हैं. उन्होंने कहा कि यह तय है कि वे कांग्रेस की नीतियों से खुश नहीं होंगे, इसलिए वे नहीं गए होंगे.


सुमित सिंह ने कहा, हम जोड़तोड़ में भरोसा नहीं करते पर अगर कोई हमसे जुड़ना चाहता है तो उनका स्वागत है. हमने से शुरुआत से ही जेडीयू को समर्थन दिया है. तेजस्वी यादव के खेला करने वाले बयान पर सुमित सिंह ने कहा, हम भी खिलाड़ी रहे हैं और थोड़ा बहुत खेलना तो हम भी जानते हैं.


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