Lok Sabha Election 2024: बिहार महागठबंधन में सीट बंटवारे का समीकरण अब सुलझता हुआ दिख रहा है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि बिहार में राष्ट्रीय जनता दल 26, कांग्रेस 9 और वामपंथी पार्टियों को 5 सीटें दी गई है, इसमें से तीन सीटों पर सीपीआई-एमएल चुनाव लड़ेगी. बता दें कि सीट शेयरिंग को लेकर मंगलवार (26 मार्च) की शाम को दिल्ली में महागठबंधन दलों की बैठक हुई थी. इस मीटिंग में राजद नेता तेजस्वी यादव के अलावा बिहार कांग्रेस प्रभारी मोहन प्रकाश और प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह भी वहां मौजूद थे. बैठक कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक के आवास पर हुई थी. इस मीटिंग में सीट बंटवारे को लेकर सहमति बन गई है, आज (बुधवार, 27 मार्च) को इसका ऐलान हो सकता है.


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सूत्रों के मुताबिक, महागठबंधन में कांग्रेस को बिहार की किशनगंज, कटिहार, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, पटना साहिब, सासाराम, महाराजगंज और बेतिया (पश्चिम चम्पारण) या सुपौल या मधेपुरा में एक सीट मिल सकती है. अगर ये फॉर्मूला सच साबित हुआ तो पप्पू यादव का पूर्णिया से लड़ने पर संकट खड़ा हो सकता है. पप्पू यादव ने हाल ही में अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय किया था. उन्होंने सिर्फ पूर्णिया सीट से टिकट की शर्त पर कांग्रेस में विलय किया था. लेकिन अब उनके साथ लालू यादव ने खेला कर दिया है. पप्पू भी इस बात से काफी निराश हैं और लगातार कांग्रेस आलाकमान से गुहार लगा रहे हैं. उन्होंने साफ कहा कि मैं पूर्णिया नहीं छोड़ सकता. 


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अगर कांग्रेस को पूर्णिया सीट नहीं मिलती है तो पप्पू यादव के भविष्य को लेकर अटकलबाजी शुरू हो जाएगी. राजद अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि लालू यादव चाहते थे कि मैं आरजेडी में शामिल हो जाऊं. उन्होंने बताया कि लालू यादव ने चाहते थे कि मैं मधेपुरा से चुनाव लड़ूं लेकिन मैंने इसे ठुकरा दिया. उन्होंने कहा कि कहा कि मैं पूर्णिया नहीं छोड़ सकता. वैसे कांग्रेस में भविष्य तो अब कन्हैया कुमार का भी सुरक्षित नहीं बचा. 


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कन्हैया को बेगूसराय से टिकट मिलने की उम्मीद थी. लेकिन सीपीआई ने इस सीट से अपना प्रत्याशी उतारकर उनके सपने को चकनाचूर कर दिया है. सीपीआई का तर्क है कि यह उनकी सीट है. पिछले चुनाव में उन्होंने ही कन्हैया कुमार को टिकट दिया था. बीजेपी के गिरिराज सिंह के हाथों शर्मनाक हार झेलने के बाद कन्हैया कुमार ने कांग्रेस का हाथ पकड़ लिया था. हालांकि, कांग्रेस उनके लिए कितना संघर्ष करती है या अब क्या जिम्मेदारी देती, ये देखने लायक होगा.