Lok Sabha Election 2024: भारतीय राजनीति में बीजेपी के दिग्गज नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लोग 'चाणक्य' कहकर पुकारते हैं. कहा जाता है कि अमित शाह जिस राज्य में एक्टिव हो जाते हैं, वहां बीजेपी को सत्ता से ज्यादा दिनों तक दूर नहीं रखा जा सकता. लोग तो मजाक में ये भी कहते हैं कि अगर अमित शाह पाकिस्तान चले जाएं तो वहां भी बीजेपी की सरकार बनाकर लौटेंगे. वहीं रणनीति बनाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कम नहीं हैं. सत्ता की हैट्रिक लगाने को बेताब पीएम मोदी ने जो जाल बुना था, आखिरकार उसमें विपक्ष फंस ही गया. इस बार राजद अध्यक्ष लालू यादव वही कर बैठे जो मोदी चाहते थे. दरअसल, लालू यादव ने पटना की रैली से पीएम मोदी के परिवार पर सवाल उठा दिया और कह दिया कि 'उनके परिवार नहीं हैं...'. राजद अध्यक्ष के बयान के बाद पीएम मोदी ने इसे चुनावी हथियार बना लिया और पूरे देश में इसका जिक्र कर रहे हैं. 


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प्रधानमंत्री देशभर में लालू यादव के बयान का जिक्र कर रहे हैं और पूरे देश को अपना परिवार बता रहे हैं. उधर बीजेपी ने 'मोदी का परिवार' कैंपेन लॉन्च कर दिया. बीजेपी के तकरीबन सभी नेता ने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर 'मोदी का परिवार' लिख दिया. सोशल मीडिया पर बीजेपी और उनके समर्थकों की तरफ से चलाया गया यह कैंपेन अब ट्रेंड करने लगा है. यह सब कुछ वैसा ही है जैसा 5 साल पहले ‘मैं भी चौकीदार’ का अभियान चलाया गया था. 2019 के चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 'चौकीदार चोर है' का नारा दिया था तो बीजेपी ने ‘मैं भी चौकीदार’ कैंपेन लॉन्च किया था. पूरा चुनाव इसी कैंपन पर लड़ा गया था. 


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पीएम मोदी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह विपक्ष को अपनी पिच पर खेलने के लिए मजबूर कर देते हैं. मोदी की तरफ से क्लियर था कि वह यह चुनाव भ्रष्टाचार और परिवारवाद के मुद्दे पर लड़ने वाले हैं. उन्होंने पिछले साल लालकिले की प्रचीर से इसका ऐलान कर दिया था. लालकिले से पीएम मोदी ने पहली बार देशवासियों को संबोधित करते हुए 'दोस्तों' या 'भाइयों-बहनों' की जगह 'परिवारजनों' कहकर संबोधित किया था. वह एक साल पहले से ही देशवासियों के साथ परिवार वाला रिश्ता जोड़ रहे थे, लेकिन विपक्ष इसे समझ नहीं पाया. 


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ठीक इसी तरह से पीएम मोदी ने 2018 में लालकिले से पहली बार चौकीदार शब्द का इस्तेमाल किया था. उन्होंने कहा था कि जब तक ये चौकीदार है, तब तक कोई देशवासियों के पैसे नहीं लूट सकता. 2019 का लोकसभा चुनाव में इसी तरह पीएम मोदी के खिलाफ कांग्रेस के नेताओं ने एक कैंपेन चलाया था और बार-बार चुनावी मंचों से ‘चौकीदार चोर है’ के नारे लगवा रहे थे. जिसके जवाब में सोशल मीडिया पर मोदी के चाहने वाले ‘मैं भी चौकीदार’ लिखने लगे थे और तब पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान यह नारा बीजेपी की नेताओं की जुबान पर था.