Bihar Politics: बिहार के बाहुबली नेता पप्पू यादव पर इस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है. महागठबंधन में तो उनके साथ गजब का खेला हो गया और ये किया राजद लालू यादव ने. पप्पू यादव ने कांग्रेस में अपनी पार्टी को मर्ज करते समय सिर्फ एक ही तो गुजारिश की थी. लालू ने वह भी पूरी नहीं होने दी. दरअसल, पूर्णिया लोकसभा सीट के लिए पप्पू यादव की खुली घोषणा के बावजूद लालू यादव ने यहां से बीमा भारती को टिकट दे दिया. अब पप्पू खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. पप्पू यादव को अब पूर्व सांसद आनंद मोहन का समर्थन मिला है. 


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पप्पू यादव को पूर्णिया से टिकट नहीं मिलने पर आनंद मोहन ने RJD पर बड़ा हमला किया. उन्होंने कहा कि यह कैसा महागठबंधन है? सीटों का फैसला हुआ नहीं और एक पार्टी अपना सिंबल बांट रही है. दूसरे लोग टकटकी लगाए हैं कि हमारा क्या होगा? आनंद मोहन ने आगे कहा कि एक व्यक्ति अपने पार्टी को ज्वाइन कराता है और अब कहता है कि मैं पूरी तरह से बर्बाद हो गया. बिहार के एक पार्टी के नस-नस में अराजकता और तानाशाही भरी हुई है. वह दल जब-जब मजबूत होता है तब बिहार भयक्रांत हो जाता है. पूर्व सांसद ने कांग्रेस और वामदलों को सलाह देते हुए कहा कि उनको आत्ममंथन करना चाहिए कि हमारी स्थिति पहले कैसी थी और अब लालू जी के आने के बाद उनकी स्थिति क्या हो गई है. 


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उधर कांग्रेस नेता पप्पू यादव को अभी उम्मीद है कि लालू प्रसाद यादव और राहुल गांधी उन्हें पूर्णिया सीट जरूर देंगे. उन्होंने कहा कि हमने कांग्रेस के सामने अपना सब कुछ समर्पण कर दिया है. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या मैं लालू यादव का पुत्र नहीं हूं? मैं पूर्णिया का बेटा हूं और कोशी सीमांचल में पैदा हुआ हूं. पप्पू यादव ने आगे कहा कि सीमांचल कांग्रेस की जमीन रही है, लेकिन कांग्रेस की पूजा करने में कहीं ना कहीं मेरी कमी रही है. उन्होंने कहा कि पूर्णिया से अलग होने का मतलब है आत्महत्या करना या फिर जहर खा लेना. पूर्णिया से अलग होने का मैं सोच भी नहीं सकता हूं.