Bihar Congress News: बिहार में राजद और वामदलों के साथ गठबंधन करने के बाद भी कांग्रेस पार्टी को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है. चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी अब हार की समीक्षा करने में जुटे हैं. हार की समीक्षा के दौरान कांग्रेस के अंदरूनी कलह उजागर हो रही है. दरअसल, इस चुनाव में भागलपुर में कांग्रेस प्रत्याशी अजीत शर्मा को हार का सामना करना पड़ा. महागठबंधन के हाद भी उन्हें जीत क्यों नहीं नसीब हुई सोमवार (10 जून) को इसकी समीक्षा की गई. समीक्षा बैठक में जिला से लेकर प्रखंड स्तर की कमेटी के पदाधिकारी शामिल हुए. इस दौरान पार्टी ने हार का पूरा ठिकरा प्रत्याशी अजीत शर्मा पर फोड़ दिया. 


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कांग्रेस की भागलपुर यूनिट ने कहा कि अजीत शर्मा ने संगठन की एक नहीं सुनी. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं का सम्मान भी नहीं किया और चुनाव के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर दिया. भागलपुर के सभी प्रखंडों के पार्टी अध्यक्षों ने यही बात दोहराई. पार्टी जिलास्तरीय नेताओं ने कहा कि अजीत शर्मा ने चुनाव के दौरान अपने स्तर से जनसंपर्क अभियान जारी रखा. इसमें जिलाध्यक्ष को साथ नहीं रखा गया. जिला स्तरीय नेताओं ने कहा कि अजीत शर्मा के अहंकार की वजह से भी हार हुई है. बूथ मैनेजमेंट में भी वे पिछड़ गए.


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उन्होंने कहा कि अजीत शर्मा ने अपने संसदीय क्षेत्र में बूथों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की जगह अन्य दलों को जिम्मेदारी दी थी, जो गलती हुई है. उन्होंने कहा कि कोई आदमी पार्टी का गमछा लगा ले तो वो पार्टी के कार्यकर्ता नहीं हो सकते. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि अजीत सिंह को अपने कार्यकर्ताओं से ज्यादा गठबंधन के अन्य दलों के कार्यकर्ताओं पर भरोसा था. इसके अलावा वह अपनी बेटी के साथ अकेले जनसंपर्क करते रहे. इससे पहले कांग्रेस विधायक प्रतिमा दास ने अपने प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह पर सवाल उठाए थे. 


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कांग्रेस विधायक ने कहा कि बिहार में कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर भी समीक्षा बैठक होनी चाहिए. प्रतिमा दास ने कहा कि समीक्षा बैठक के बाद ही पता चल पाएगा कि आखिर कांग्रेस बिहार में सिर्फ तीन ही सीट क्यों जीत पाई.  उन्होंने इस शर्मनाक प्रदर्शन के लिए प्रदेश अध्यक्ष को जिम्मेदार ठहराया. कांग्रेस विधायक ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष को इन तमाम चीजों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.