मुंगेर: उत्तरवाहनी गंगा के किनारे बसा मुंगेर ऋषि मुग्दल की धरती रही है. 1763 में मुंगेर बंगाल के नवाब मीर कासिम की राजधानी थी. यहां का किला अपने अंदर कई ऐतिहासिक धरोहर को समेटे हुए है. आजादी के बाद अप्रैल 1952 में पहली बार मुंगेर लोकसभा का चुनाव हुआ, तब से 2019 तक 20 लोकसभा चुनाव हुए हैं. यहां से सात बार कांग्रेस ने परचम लहराया. 1984 के बाद वामपंथ और समाजवाद की धारा बहने लगी तो जनता ने 1989 से लेकर 2009 तक के चुनावों में जनता दल, भाकपा, समता पार्टी, राजद, लोजपा और जदयू को बारी-बारी से मौका दिया. 2009 में परिसीमन के बाद जिले के संग्रामपुर, तारापुर, असरगंज टेटिया बंबर और हवेली खड़गपुर का कुछ हिस्सा कटकर जमुई संसदीय क्षेत्र में जुड़ गए. वही, लखीसराय, मोकामा और बाढ़ भी मुंगेर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा हैं, जो पटना जिले में आते हैं. मुंगेर की सीमा पटना साहिब लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में लगती है. वर्तमान में जदयू के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह मुंगेर के सांसद हैं.


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हाल के सियासी घटनाक्रम को लेकर मुंगेर क्षेत्र में भी दलों की और से गोलबंदी तेज हो गई है. एनडीए के घटक जदयू की यह सिटिंग सीट है. ऐसे में जदयू का स्वभाविक दावा है. वैसे सीट बंटवारा और प्रत्याशियों के नाम तय होना बाकी है. वही राजद खेमे से किसी का नाम स्पष्ट नहीं आ रहा है. 2019 में अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी राजद से खड़ी हुई थीं. इस बार कांग्रेस को यह सीट मिलने को लेकर कयासबाजी चल रही है. सवर्ण बाहुल्य इस क्षेत्र में पिछड़ी जाति के 14.9 और मुस्लिम 6.5 प्रतिशत हैं. कुल मतदाता की बात करें तो 18 लाख 71 हजार 193 में से पुरुष मतदाता 1003415 तो महिला मतदाताओं की संख्या 867526 है. 


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वर्ष 1984 तक रहा कांग्रेस का वर्चस्व
90 के दशक तक इस क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी का वर्चस्व रहा. कांग्रेस के मथुरा प्रसाद मिश्र यहां के पहले सांसद बने थे, लेकिन 1984 के बाद के किसी चुनाव में कांग्रेस की वापसी का मौका नहीं मिला. ब्रह्मानंद मंडल यहां से तीन बार सांसद चुने गए. वे सबसे पहले वर्ष 1991 में भाकपा प्रत्याशी के रूप में जीते. इसके बाद 1996 में और 1999 में समता पार्टी से निर्वाचित हुए थे. 


मधु लिमये रहे थे चर्चित सांसद
1962 में कांग्रेस सांसद बनारसी प्रसाद सिंह के निधन के बाद 1964 में हुए उपचुनाव में महाराष्ट्र के पुणे से आए समाजवादी नेता मधु लिमेय सांसद बने थे. 1967 में वे दोबारा मुंगेर के सांसद चुने गए थे. देश के चर्चित समाजवादी धारा के नेता मधु लिमये कांग्रेसी नीतियों के प्रखर विरोधी थे और देश के प्रमुख प्रतिपक्ष के नेता के रूप में जाने जाते थे. वह राम मनोहर लोहिया के अनुयायी एवं रामसेवक यादव व जॉर्ज फर्नांडीज के सहकर्मी थे. उन्होंने गोवा मुक्ति आंदोलन में भी सक्रिय रूप से भाग लिया था.


गंगा पुल के लिए ब्रह्मानंद मंडल ने किया था अनशन
दो साल पहले शुरू हुआ मुंगेर का गंगा पुल (श्री कृष्णा सेतु) एनएचएम-31 को जोड़ता है. यह पुल उत्तर बिहार के कई जिलों में सुगमता पूर्वक कुछ समय में पहुंचा जा सकता है. पुल निर्माण के लिए यहां के नेताओं को काफी संघर्ष किया और आंदोलन करना पड़ा था. पुल निर्माण से जुड़ी मुंगेर संघर्ष समिति के बैनर तले 1996 में तत्कालीन सांसद ब्रह्मानंद मंडल ने 11 दिनों तक उपवास रखा था. 


केंद्र में मंत्री रहे थे दो  सांसद
मुंगेर से कांग्रेस सांसद डीपी यादव केंद्रीय उप शिक्षामंत्री रहे थे तो राजद के तत्कालीन सांसद जय प्रकाश नारायण यादव केंद्र सरकार में जल संसाधन मंत्री रहे थे. 


मुंगेर लोकसभा क्षेत्र 
मुंगेर संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की 6 सीटें आती हैं— मुंगेर, सूर्यगढ़ा, जमालपुर, बाढ़, लखीसराय और मोकामा. मुंगेर लोकसभा क्षेत्र का अपना इतिहास रहा है. एक समय मुंगेर सबसे बड़ा जिला होता था, लेकिन इससे काटकर 1976 में बेगूसराय, 1988 में खगड़िया और 1991 में जमुई जिला का निर्माण किया गया. इससे यहां का समीकरण बदलता गया. 1991 से 2004 तक इन सीटों पर पिछड़ों का ही कब्जा रहा. 1991, 1996 और 1999 में ब्रह्मानंद मंडल, 1998 में विजय कुमार विजय और 2004 में जयप्रकाश नारायण यादव सांसद चुने गए थे. 2008 के परिसीमन के बाद मुंगेर लोकसभा को तीन जिलों में जोड़ दिया गया. इसके बाद इन लोकसभा क्षेत्रों पर भूमिहार का ही कब्जा रहा. 2009 में जदयू के टिकट पर राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने जीत दर्ज की थी, जबकि 2014 के आम चुनाव में वीणा देवी ने मोदी लहर पर सवार होकर यहां पहली बार लोजपा का परचम लहराया था. 2019 के चुनाव में यहां से जदयू के तत्कालीन अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने चुनाव जीता था.  


अल्पसंख्यक वोटरों का आंकड़ा
- बौद्ध : 0.02%
- इसाई : 0.13%
- जैन : 0.02%
- मुस्लिम : 6.57%
- एससी : 14.85%
- एसटी : 0.86%
- सिख : 0.04%


ये परियोजाएं हुईं पूरी 
गंगा ब्रिज सम्पर्क पथ का निर्माण 
हवेली खड़गपुर की सिंचाई परियोजना 
जमालपुर डीजल शेड को इलेक्ट्रिक शेड में बदलना 
मुंगेर मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास 
मोकामा के टाल क्षेत्र का विकास 


परियोजना पूरी नहीं होने की आस
डकरा नाला सिचाई परियोजना 
मेडिकल कॉलेज अस्तपताल निर्माण 
मोकामा के रेफरल अस्तपताल को ट्रामा सेंटर बनाने को घोषणा पूरी नहीं हुई 
टाल क्षेत्र को जलजमाव की समस्या से अबतक नहीं मिली निजात
मुंगेर नगर निगम शहरी जलापूर्ति योजना पूरी नहीं
मुंगेर विश्वविद्यालय जमीन अधिग्रहण अब तक नहीं



मुंगेर से प्रशांत कुमार की रिपोर्ट


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