Bihar Politics: बिहार में एनडीए सरकार के गठन के बाद भी कयासों का बाजार गरम है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अग्निपरीक्षा अभी बाकी है. ऐसे नाजुक वक्त में पूर्व सीएम और हम संरक्षक जीतन राम मांझी उनकी मुसीबत बढ़ाते नजर आ रहे हैं. नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार को 12 फरवरी को विधानसभा में बहुमत साबित करना है. फ्लोर टेस्ट से पहले मांझी अपनी पार्टी के लिए दो मंत्री पद को लेकर अड़े हुए हैं. बेटे को अच्छा मंत्रालय नहीं मिलने से वो नाराज बताए जा रहे हैं. ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि क्या मांझी खेला कर सकते हैं? इस बीच मांझी के बेटे संतोष सुमन के मंत्री पद से इस्तीफा देने की खबरें वायरल हुई हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मांझी की नाराजगी के बीच खबर सामने आई कि मंत्री संतोष सुमन ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, संतोष सुमन ने रविवार (4 फरवरी) को इस पर अपना बयान दिया और इस तरह की खबरों का खंडन किया. संतोष सुमन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस्तीफे की खबर को निराधार बताया. उन्होंने कहा कि वह एनडीए के साथ ही रहेंगे. उन्होंने कहा कि उन्हें बिहार की परवाह है. लोभ, लालच, प्रलोभन की राजनीति को मैं चिमटे से भी नहीं छू सकता. मुझे सत्ता से ज्यादा बिहार की परवाह है. आपका आशीर्वाद काफी है. कुर्सी तो आनी जानी है.


ये भी पढ़ें- बिहार के हित में नीतीश को राजग में शामिल किया, सत्ता के लिए नहीं : गिरिराज सिंह


'कुर्सी तो आनी जानी है...'


संतोष मांझी के बयान की आखिरी लाइन भी सियासी पारे को बढ़ा रही है. कांग्रेस की ओर से उन्हें सीएम बनाने तक का वादा किया गया है. तो वहीं आरजेडी की ओर से डिप्टी सीएम का पद ऑफर किया गया है. पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी 'खेला' होने का दावा किया है. ऐसे में अगर मांझी कोई बड़ा फैसला ले लेते हैं तो ये एनडीए के गणित पर कितना असर डालेगा, ये समझना जरूरी है. दरअसल, बिहार विधानसभा में 243 सीटें हैं. बहुमत का आंकड़ा 122 है. एनडीए सरकार ने 128 का दावा पेश किया है. अगर जीतन राम मांझी के 4 विधायक न भी हो तो एनडीए का आंकड़ा 124 रहेगा. 


ये भी पढ़ें- BJP और NDA से लड़ाई में कांग्रेस सबसे कमजोर कड़ी, बिहार-झारखंड की उथलपुथल ने यह साबित कर दिया


JDU टूटी तो खेल बिगड़ेगा


तेजस्वी यादव को जीतन राम मांझी को तोड़ना काफी नहीं होगा. अगर उन्हें फिर से सत्ता हासिल करनी है तो जेडीयू में सेंधमारी या क्रॉस वोटिंग करानी जरूरी है. सूत्रों के मुताबिक, आरजेडी की ओर से जेडीयू के नाराज विधायकों से संपर्क किया जा रहा है. चर्चा है कि ललन सिंह का गुट खेला कर सकता है. उधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी चौकन्ना हैं. उन्हें भी इस बात की चिंता सता रही है. उधर जेडीयू के निशाने पर कांग्रेस है. नीतीश कुमार के करीबी अशोक चौधरी ने दावा किया कि 'खेला' होगा. उन्होंने कहा कि खेला तो होगा ही लेकिन किसके पक्ष में होगा, क्या होगा, ये तो समय बताएगा.