Lok Sabha Election 2024: नीतीश कुमार ने सहयोगी उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी में ही लगा दी सेंध, क्या अब NDA में मचेगा घमासान?
Lok Sabha Election 2024: नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा के बीच की दूरी और बढ़ सकती है. उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि अगर जदयू को लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की कमी पड़ रही है तो आकर उनकी पार्टी से ले जाएं.
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में दल-बदल का खेल शुरू हो चुका है. इस गेम में नीतीश कुमार की नजर विरोधी खेमे की बजाय NDA के ही सहयोगियों पर ही है. इसी कड़ी में नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रमेश सिंह कुशवाहा को ही तोड़ लिया है. चुनाव से ठीक पहले रमेश सिंह कुशवाहा ने अपनी पत्नी विजय लक्ष्मी के साथ जेडीयू में घर वापसी कर ली है. इस दौरान रमेश कुशवाहा ने कहा कि सीएम नीतीश के कामकाज से प्रभावित होकर मैं व मेरी पत्नी जेडीयू ज्वाइन किए हैं. पहले भी हम जेडीयू में रह चुके हैं. यह हमारी घर वापसी हुई है. माना जा रहा है कि विजय लक्ष्मी को जेडीयू सीवान से टिकट दे सकती है.
बता दें कि रमेश कुशवाहा 2015-20 तक सिवान के जीरादेई विधानसभा क्षेत्र से जदयू के विधायक रह चुके हैं. वहीं इस घटना के बाद नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा के बीच की दूरी और बढ़ सकती है. उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि अगर जदयू को लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की कमी पड़ रही है तो आकर उनकी पार्टी से ले जाएं. कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर लिखा है- जदयू के लोगों से आग्रह है कि कुछ और उम्मीदवार की जरूरत हो तो बताइएगा, प्लीज. कुशवाहा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर हरिवंश राय बच्चन की कुछ पंक्तियां लिखी हैं. उन्होंने लिखा कि 'जो बीत गई सो बात गई...' कुशवाहा ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को इन पंक्तियों को याद करने को कहा है.
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बता दें कि नीतीश कुमार के साथ उपेंद्र कुशवाहा की अदावत के किस्से काफी पुराने हैं. जेडीयू में आना-जाना उनका काफी हुआ. 2022 में जब नीतीश कुमार ने बीजेपी का साथ छोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाई थी. माना जा रहा था कि कुशवाहा को उम्मीद थी की कैबिनेट विस्तार में उन्हें डिप्टी सीएम बनाया जाएगा, लेकिन नीतीश कुमार ने साफ कर दिया कि कोई दूसरा डिप्टी सीएम नहीं होगा. जब ऐसा नहीं हुआ तो जेडीयू के साथ फिर उनका मोहभंग हो गया था और उन्होंने नीतीश की पार्टी से ब्रेकअप का ऐलान कर दिया था. जेडीयू के अलग होने के बाद उन्होंने रालोजद बनाई थी, जिसे हाल ही में चुनाव आयोग ने रालोमो कर दिया है.
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जेडीयू से अलग होने के बाद कुशवाहा लगातार नीतीश कुमार पर हमलावर रहे हैं. वह पिछले महीने पीएम मोदी की रैली में भी उपेंद्र कुशवाहा नहीं दिखाई दिए थे. उस वक्त इस पर काफी चर्चा हुई थी. कहा जा रहा था कि सीएम नीतीश कुमार के कारण उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान ने पीएम के कार्यक्रम से दूरी बनाई है. अगर ये बात सही है तो अब दोनों के बीच दूरियां और ज्यादा बढ़ सकती हैं.