मौका था लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के मतदान से ठीक पहले पटना में पीएम मोदी के रोड शो का. रोड शो जैसे ही आगे बढ़ा, एक तस्वीर तेजी से वायरल होनी शुरू हो गई. तस्वीर में पीएम मोदी के ठीक बगल में मौजूद नीतीश कुमार की भावभंगिमा थी. दरअसल, रोडशो के बीच में थोड़ी देर के लिए बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कमल निशान थाम रखा था. लाइव कवर कर रहे टेलीविजन चैनलों के पत्रकारों ने जूम करके इसे टीवी पर दिखाया, जिसके बाद सोशल मीडिया पर नीतीश कुमार एक बार फिर ट्रोल के निशाने पर आ गए. 


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हालांकि थोड़ी देर बाद ही नीतीश कुमार को अपनी गलती का अहसास हुआ और कुछ देर के लिए उन्होंने जिस हाथ में कमल का निशान था, उस हाथ को नीचे कर लिया और दूसरे हाथ से जनता का अभिवादन करने लगे. इसके बाद उनके चेहरे की भावभंगिमा ही बदल गई. पीएम मोदी जहां भीड़ देखकर आह्लादित थे, वहीं नीतीश कुमार को देखकर ऐसा लग रहा था, जैसे उन्हें कोई अपराध बोध हुआ हो. वे कई बार कमल निशान वाली छोटी तख्ती को देख रहे थे. बाद में कैमरों की तरफ भी देख रहे थे.


नीतीश कुमार की असहजता का एक बड़ा कारण यह भी रहा कि रोडशो में जेडीयू का निशान तीर छाप कही नजर नहीं आया. पूरा पटना कमलमय हो गया था. मकान, दुकान पोस्टर और बैनरों से पट गए थे पर जेडीयू के निशान की कमी साफ तौर पर रोडशो में देखी गई. 


रोडशो में पीएम मोदी के साथ गाड़ी पर नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, भाजपा प्रत्याशी रविशंकर प्रसाद मौजूद रहे. पीएम मोदी की एक झलक पाने की ललक साफ तौर पर लोगों में देखी जा रही थी.


आपको बता दें कि नीतीश कुमार एक समय देश के प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे थे. इसलिए उन्होंने इंडिया ब्लॉक की संस्थापक की भूमिका निभाई और राज्यों की राजधानी घूम-घूमकर नेताओं को एक टेबल पर आने के लिए मनाया. इंडिया बना तो वे संयोजक या फिर पीएम पद की उम्मीदवारी की घोषणा चाह रहे थे पर अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी ने ऐसी पॉलिटिक्स की कि नीतीश कुमार को इंडिया छोड़ने की नौबत आ गई. अब वे एनडीए में शामिल हो गए हैं और आप देख ही रहे हैं कि वे क्या क्या कर रहे हैं.