राहुल गांधी की `भारत जोड़ो न्याय यात्रा` में RJD और JMM होंगे शामिल, नीतीश कुमार की JDU का क्या होगा स्टैंड?
Rahul Gandhi Bharat Jodo Nyay Yatra: राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में अगर नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू शामिल नहीं होती है तो यह लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए बहुत बड़ा झटका साबित हो सकता है.
Rahul Gandhi Bharat Jodo Nyay Yatra: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की पार्टी टीएमसी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो न्याय यात्रा (Bharat Jodo Nyay Yatra) से दूर रहने का फैसला लिया है. टीएमसी का कहना है कि जब तक सीट शेयरिंग पर कोई फैसला नहीं हो जाता, तब तक न्याय यात्रा में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने इंडिया ब्लाॅक में शामिल सभी दलों के नेताओं को पत्र लिखकर न्याय यात्रा में शामिल होने का अनुरोध किया है. बिहार में राजद (RJD) और झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने राहुल गांधी की न्याय यात्रा में शामिल होने का अनुरोध स्वीकार कर लिया है, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की जेडीयू ने अभी इस मामले में अपना स्टैंड क्लियर नहीं किया है.
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राहुल गांधी की न्याय यात्रा से पहले जेडीयू को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शिरकत करने को लेकर भी फैसला लेना है. जिस तरह से ममता बनर्जी ने राहुल गांधी की न्याय यात्रा में भाग न लेने की बात कही है, उसी तरह कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शिरकत न करने की बात कही है.
दरअसल, विपक्षी दलों का आरोप है कि भाजपा ने अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को हाईजैक कर लिया है. इस तरह यह धार्मिक न होकर पीएम नरेंद्र मोदी का राजनीतिक कार्यक्रम बनकर रह गया है. कांग्रेस का कहना है कि इसी कारण वह अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शिरकत नहीं करेगी. हालांकि राहुल गांधी ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर कोई कांग्रेस राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में जाना चाहता है तो पार्टी की तरफ से उस पर कोई बंदिश नहीं है.
नीतीश कुमार के बारे में कयासबाजी करना आसान नहीं है लेकिन यह कहा जा रहा है कि इंडिया ब्लाॅक से वे नाराज हैं और संभव है कि वे पाला बदलकर एनडीए की ओर चले जाएं. अगर नीतीश कुमार ऐसा करते हैं तो बहुत संभव है कि 22 जनवरी को वे अयोध्या में होंगे और राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने का कोई मतलब ही नहीं बनता.
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अगर नीतीश कुमार पाला नहीं बदलते हैं तो भी हो सकता है कि वे राहुल गांधी की यात्रा से दूरी बना लें. क्योंकि इस समय नीतीश कुमार कांग्रेस से काफी नाराज हैं और यही कारण है कि कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं ने सीएम आवास जाकर नीतीश कुमार को मनाने की भरपूर कोशिश की. हालांकि यह भी बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार टस से मस नहीं हुए.