Shahnawaz Alam Profile: लोकसभा चुनाव के लिए राजद पार्टी की ओर से अपने हिस्से की 23 में से 22 सीटों पर कैंडिडेट का ऐलान कर दिया गया है. पार्टी ने बताया कि सभी उम्मीदवारों का चयन लालू यादव की सहमति से हुआ है. राजद अध्यक्ष ने 'MY' समीकरण को देखते हुए 22 उम्मीदवारों में से 8 यादव और 2 मुसलमानों को टिकट दिया है. मधुबनी से अली अशरफ फातमी और अररिया से शाहनवाज आलम को मैदान में उतारा गया है. खास बात ये है कि ये दोनों नेता दूसरी पार्टी से राजद में आए हैं और लालू ने इन्हें चुनावी समर में उतार दिया है. अररिया से शाहनवाज आलम को मौका मिला है.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कौन हैं शाहनवाज आलम?


अररिया लोकसभा सीट से राजद का टिकट पाने वाले शाहनवाज आलम को राजनीति विरासत में मिली है. वह पूर्व केंद्रीय गृहराज्य मंत्री तस्लीमुद्दीन के तीसरे बेटे हैं. उनके बड़े भाई सरफराज आलम हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत राजद से की थी और 2018 में अररिया जिले के जोकीहाट विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में विधायक बने थे. अपने बड़े सरफराज आलम द्वारा सीट छोड़ने के चलते उन्होंने चुनाव लड़ा था. सरफराज आलम ने अररिया लोकसभा सीट से उपचुनाव जीतने के बाद विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था. 2017 में तस्लीमुद्दीन के निधन के कारण अररिया लोकसभा सीट पर उपचुनाव करना पड़ा था. पारिवारिक और सियासी उथल-पुथल के चलते शाहनवाज को पहली बार 2018 में विधायक बनने का मौका मिला था. लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में टिकट को लेकर तेजस्वी से हुए मनमुटाव में राजद छोड़कर असदुद्दीन ओवैसी से हाथ मिला लिया था. 


ये भी पढ़ें- अली अशरफ फातमी कौन हैं, जिन्हें लालू यादव ने मधुबनी से दिया RJD का टिकट


बड़े भाई को दे चुके हैं सियासी मात


2020 के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी ने जोकीहाट से शाहनवाज आलम की जगह उनके बड़े भाई सरफराज को टिकट दे दिया था. जिससे नाराज होकर शाहनवाज ने AIMIM की टिकट पर ताल ठोक दी थी और बड़े भाई को हराया था. मौजूदा समय में वह जोकीहाट विधानसभा से विधायक हैं. शाहनवाज ने 2022 में AIMIM छोड़कर RJD ज्वाइन कर लिया था और महागठबंधन सरकार में मंत्री बने थे.  वहीं राजद से टिकट के लालसा में तस्लीमुद्दीन के बड़े बेटे सरफराज आलम भी कतार में थे और पिछले 4-5 सालों से काफी एक्टिव नजर आ रहे थे. वह पार्टी के सभी कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे. हालांकि, उन्हें मायूसी हाथ लगी है.