पशुपति पारस ने छोड़ी मोदी कैबिनेट, तेज प्रताप यादव ने खोला महागठबंधन का दरवाजा, कहा- Welcome करेंगे
Bihar Politics: आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने कहा कि वह महागठबंधन में आते हैं तो मैं उनका स्वागत करूंगा. लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने कहा कि पशुपति पारस के साथ नाइंसाफी हुई है.
Bihar Politics: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बिहार एनडीए में 18 मार्च, 2024 दिन सोमवार को सीटों का बंटवारा हो गया. इसके बाद से राज्य में सियासी बंवडर जारी है. अब एनडीए के कई दल खुलकर नाराजगी जाहिर व्यक्त कर रहे हैं. एनडीए से नाराज होने वाले नेताओं में सबसे आगे पशुपति पारस (Pashupati Kumar Paras) का नाम है. उन्होंने 19 मार्च, 2024 दिन मंगलवार को मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दिया. पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) ने कहा कि हमारे दल को गठबंधन में सम्मान नहीं दिया गया. हालांकि, वह आगे क्या करेंगे इसका खुलासा नहीं किया है.
अब विपक्षी दल के नेता ने पशुपति पारस पर बड़ा बयान दिया. आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने कहा कि वह महागठबंधन में आते हैं तो मैं उनका स्वागत करूंगा. लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने कहा कि पशुपति पारस के साथ नाइंसाफी हुई है. अच्छा किया उन्होंने एनडीए को छोड़ दिया. बहुत अच्छा डिसीजन है. महागठबंधन की तरफ आएंगे तो वेलकम करेंगे और हम सबसे पहले वेलकम करेंगे.
केंद्रीय मंत्री से पशुपति पारस (Pashupati Kumar Paras) के इस्तीफा देने के बाद बिहार सरकार के मंत्री नीरज बबलू ने कहा कि पशुपति पारस जी ने अभी तक एनडीए से किनारा नहीं किया है. कार्यकाल पूरा हो गया था. इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतना सम्मान दिया, उनको मोदी जी का आभारी होना चाहिए. पशुपति पारस जी को चिराग पासवान से मिल बैठकर बात करनी चाहिए. उनका यह पारिवारिक मामला है. प्रधानमंत्री जी सबका सम्मान करते हैं.
यह भी पढ़ें: पशुपति पारस ने मोदी सरकार से दिया इस्तीफा, प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की तैयारी- सूत्र
जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि एनडीए में सीटों का बंटवारा बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने सहयोगी दलों से बातचीत करके किया गया है. पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लंबे अरसे तक केंद्रीय मंत्री के रूप में पशुपति पारस (Pashupati Kumar Paras) ने अपनी सेवा दी. अब उन्होंने इस्तीफा दिया है. यह उनकी पार्टी का फैसला है, उनका फैसला है. लेकिन हमारी उम्मीद है मोदी जी ने जो सम्मान दिया पारस को उसका कर्ज अदायगी करनी चाहिए.
रिपोर्ट: रूपेंद्र श्रीवास्तव