पटनाः Lok Sabha Election: बिहार में लोकसभा चुनाव के बीच बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दों पर चर्चाएं होने के साथ-साथ राज्य की राजधानी पटना सहित विभिन्न क्षेत्रों में मतदाताओं की विदेश नीति को लेकर भी समझ बढ़ी है और वह (विदेश नीति) मतदान में भूमिका भी निभा सकती है. पटना के बाहरी इलाके मनेर के निवासी और मेहंदी कलाकार मनोज साव ने कहा, ‘भले ही, ज्यादातर लोग विदेश नीति की जटिलताओं को पूरी तरह से नहीं समझ पाते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें जानकारी नहीं है.’ वह अपने आसपास की स्थिति का वर्णन करते हुए इस रुचि की वजह भी बताते हैं. वह इस बड़े बदलाव का श्रेय मोबाइल फोन को देते हैं. 


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साव ने कहा कि इस चुनाव में रोजगार और मंहगाई तो प्रमुख मुद्दे हैं ही, लेकिन गंभीर वैश्विक चिंताओं को भी चर्चा में जगह मिली है. पटना में दो संसदीय क्षेत्र--पटना साहिब और पाटलिपुत्र हैं. दोनों में फिलहाल भाजपा के सांसद हैं. इन दो सीट पर एक जून को मतदान है. एक जून को सात चरणों के आम चुनाव का आखिरी चरण है. साव ने कहा कि कई बारीकियां भले ही उनसे छूट जाती हैं लेकिन वह जी 20 में भारत की भूमिका और यूक्रेन-रूस संघर्ष शुरू होने के बाद भारतीय छात्रों को निकालने में सरकार की भूमिका से अवगत हैं. उन्होंने आगे बताया कि, ‘पहले, जब मोबाइल फोन गांवों तक नहीं पहुंचा था, तब, पटना शहर में क्या हुआ है, यह जानने के लिए भी हमें अगली सुबह अखबारों का इंतजार करना पड़ता था. अब हमारे पास मोबाइल फोन है. हमें तुरंत पता चल जाता है कि दिल्ली और भारत के बाहर क्या हो रहा है.’ 


उन्होंने कहा कि वह 2022 में शुरू हुए यूक्रेन-रूस संघर्ष के बारे में जानते हैं. उन्होंने कहा,‘मैं इसे ज्यादा नहीं समझ पाता हूं लेकिन मैंने खबरों में देखा था कि भारतीय छात्रों को सरकार ने निकाला था. जिन लोगों को मैं जानता हूं, वे पिछले चुनावों की तुलना में अब ऐसे मुद्दों पर ज्यादा बात कर रहे हैं.’ पटना के मौर्य लोक कॉम्प्लेक्स में दुकान लगाने वाले मनेर निवासी ने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर के वीडियो लोकप्रिय हैं. पिछले कुछ वर्षों में पटना और उसके आसपास के क्षेत्रों में भी विदेश नीति को लेकर लोगों की समझ बढ़ी है. उसमें ग्रामीण क्षेत्र भी आते हैं. लस्सी बेचकर अपना जीवन यापन करने वाले आरा निवासी लक्ष्मण कुमार ने कहा, ‘जब जी20 भारत में हुआ तब मैंने उसके वीडियो भी देखे थे.’ 


पिछले साल भारत द्वारा जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी किए जाने के बाद यह पहला आम चुनाव है. पटना के मूल निवासी 27 वर्षीय दीप्तांशु सिन्हा के अनुसार, जी20 की सफल मेजबानी और जयशंकर के व्यक्तित्व एवं सोशल मीडिया पर उनके ‘फॉलोअर्स की भारी संख्या’ ने विदेश नीति को महानगरों से छोटे शहरों तक पहुंचा दिया है. उन्होंने कहा, ‘मैं निश्चित रूप से एक नागरिक और एक मतदाता के रूप में इसके बारे में सोचता हूं, लेकिन घरेलू मुद्दे बहुत अधिक हैं जिन्हें प्राथमिकता दी जाती है. हालांकि, पटना में मेरे आसपास के कई मेरे दोस्तों और परिचितों का कहना है कि विश्व स्तर पर भारत की छवि और कद बढा है, इसलिए यह उनके लिए एक मतदान कारक है.’ 


पेशे से वास्तुकार सिन्हा ने पटना साहिब लोकसभा सीट पर अपना वोट डालने के लिए पटना का टिकट बुक किया है. वह पिछले साल नई नौकरी के लिए गुड़गांव चले गए थे. पटना साहिब से भाजपा के मौजूदा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. जबकि विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन ने पूर्व रेल मंत्री बाबू जगजीवन राम के पोते और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के बेटे अंशुल अभिजीत को कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतारा है. पाटलिपुत्र में मौजूदा भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम कृपाल यादव के खिलाफ राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की बडी बेटी मीसा भारती दूसरी बार मैदान में उतरी हैं. 


इनपुट- भाषा के साथ


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