Bhagalpur News: बिहार के प्रसिद्ध व्यंजन लिट्टी चोखा को मिलेगा जीआई टैग, देश विदेश में बढ़ेगी ख्याति
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar2267695

Bhagalpur News: बिहार के प्रसिद्ध व्यंजन लिट्टी चोखा को मिलेगा जीआई टैग, देश विदेश में बढ़ेगी ख्याति

Bihar Litti Chokha: बीएयू के कुलपति डॉ. डी आर सिंह ने बताया कि बीएयू ने पहले ही कई उत्पादों को जीआई टैग दिलाया है और अब लिट्टी चोखा को भी यह मान्यता मिलेगी. उन्होंने यह भी बताया कि बीएयू ने 55 उत्पादों की पहचान की है, जिन्हें जीआई टैग दिलाया जाएगा. 

Bhagalpur News: बिहार के प्रसिद्ध व्यंजन लिट्टी चोखा को मिलेगा जीआई टैग, देश विदेश में बढ़ेगी ख्याति

पटना : बिहार कृषि विश्वविद्यालय राज्य के प्रसिद्ध उत्पादों और फलों को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रहा है. बीएयू ने पहले ही जर्दालु आम, मगही पान और शाही लीची जैसे कई उत्पादों को जीआई टैग दिलाया है. अब वे बिहार की प्रसिद्ध डिश लिट्टी चोखा और सोनाचुर चावल को भी जीआई टैग दिलाने की योजना बना रहे हैं. खासकर लिट्टी चोखा को जल्द ही जीआई टैग मिलने वाला है.

बीएयू के कुलपति डॉ. डी आर सिंह ने बताया कि बीएयू ने पहले ही कई उत्पादों को जीआई टैग दिलाया है और अब लिट्टी चोखा को भी यह मान्यता मिलेगी. उन्होंने यह भी बताया कि बीएयू ने 55 उत्पादों की पहचान की है, जिन्हें जीआई टैग दिलाया जाएगा. लिट्टी चोखा बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में बहुत प्रसिद्ध और स्वादिष्ट व्यंजन है. यह बिहार की खासियत है और इसे बढ़ावा देने के लिए इसे जीआई टैग मिलना जरूरी है.

जीआई टैग किसी भी खास क्षेत्र के विशेष उत्पाद की पहचान होती है. यह उत्पाद को देश और विदेश में ख्याति दिलाने के लिए प्रमाणित करता है. भौगोलिक संकेत या जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैग किसी खास क्षेत्र में बनने वाले उत्पाद को विशेष पहचान और मान्यता दिलाने का काम करता है. इससे उस क्षेत्र के उत्पाद को अधिक प्रसिद्धि और मान्यता मिलती है, जिससे उसे बाजार में बढ़ावा मिलता है.

लिट्टी चोखा बिहार का एक पारंपरिक और लोकप्रिय व्यंजन है. इसे गेहूं के आटे से बनी लिट्टी और बैंगन, टमाटर और आलू से बने चोखे के साथ खाया जाता है. लिट्टी को घी में डुबोकर या आग में भूनकर बनाया जाता है, जबकि चोखा को मसालों के साथ मिक्स कर तैयार किया जाता है. इसका स्वाद बहुत ही लाजवाब होता है और यह बिहार की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है. इस प्रकार बीएयू के प्रयासों से लिट्टी चोखा को जीआई टैग मिलने से यह व्यंजन और भी प्रसिद्ध होगा और इसे देश-विदेश में और पहचान मिलेगी. साथ ही, इससे बिहार के अन्य उत्पादों को भी बढ़ावा मिलेगा और उन्हें बाजार में बेहतर स्थान प्राप्त होगा.

इनपुट- अश्वनी कुमार

ये भी पढ़िए- हीट वेव से हो जाती है मौत तो 1.5 लाख रुपये का मुआवजा देती है सरकार, क्या आपको पता है?

 

Trending news