मधुबनीः Madhubani Water Crisis: गर्मी और चिलचिलाती धूप के कारण मधुबनी में भी जल संकट उत्पन्न हो गया है. शहर सहित ग्रामीण इलाकों में भी जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है. गिरते जल स्तर की वजह से लोगों की मुश्किलें बढ़ गयी है. महिलाओं का अधिकांश समय पानी ढोने में जा रहा है. जिससे घरों का काम कार्य निबटाना मुश्किल हो गया है. 


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शहर के संतु नगर सहित विभिन्न इलाकों में पानी के लिए मारामारी हो रही है. घण्टों पानी के लिए क्यूब में खड़ा रहने के बावजूद पानी नहीं मिल पाता है. अधिकांश इलाकों में नलजल मुंह चिढ़ा रही है. कहीं-कहीं निजी समरसेबल से मोहल्ले के लोग पानी ढोते नजर आ रहे है, वो बिजली नहीं रहने से पानी नहीं मिल पाता है. 


लोगों की माने तो पानी की किल्लत से खाना बनाना मुश्किल हो गया है. बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं. शौचालय तक की समस्या हो गई है. नगर निगम और जिला प्रशासन को लगातार कहा जा रहा है. इसके बावजूद पानी की कोई व्यवस्था नहीं हो पा रही है. 


शहर के दर्जनों चापानल सूख गए है और रमजान के समय से ही पानी की किल्लत हो गई है. अधिकांश नहर तालाब और कुएं भी सुख गए है. कुछ तालाबों को भूमाफिया द्वारा मिट्टी भरकर बेच दिया गया है. अगर बारिश नहीं हुई तो जल स्तर तीन से पांच फीट गिरावट की आशंका जताई जा रही है. ऐसे में लोगों की मुश्किलें और बढ़ जाएगी.


बहरहाल अगर शीघ्र नगर निगम और जिला प्रशासन पानी के लिए ठोस कदम नहीं उठाती तो जिलावासी को पानी के लिए तरसना पड़ेगा. नहर तालाब सूखने से पशु पक्षियों के लिए भी जल संकट उत्पन्न हो गया है. पेड़ पौधे भी सुखने लगे है. अधिकांश परिवार चापाकल पर ही निर्भर है. ऐसे में चापाकल के सूख जाने से लोगों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. PHED, नगर निगम और जिला प्रशासन को पानी की समस्या से निपटने के लिए ठोस पहल की आवश्यकता है.
इनपुट- बिन्दु भूषण, मधुबनी 


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