मुंगेर: बिहार की बेटी ने एक बार फिर अपनी उपलब्धि से राज्य का नाम रोशन किया है. मुंगेर की मूल निवासी मोना दास अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी से सिनेट की सदस्य निर्वाचित हुईं हैं. उन्हें यह सफलता पहली बार में ही मिली है.  लगातार आठ वर्षों से जीत रहे शख्स को उन्होंने पराजित किया है. 14 जनवरी को मोना ओलंपिया में शपथ लेंगी.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मोना हालांकि अब अमेरिकी नागरिक हैं लेकिन मुंगेर जिले के खडगपुर अनुमंडल के दरियापुर गांव को अपनी इस बेटी पर गर्व है. उनके पिता सुबोध दास पेशे से इंजीनियर हैं और अमेरिका में ही रहते हैं. उनका गांव से जुड़ाव अब भी कायम है. मोना मुंगेर के पूर्व सिविल सर्जन डॉ. गिरिश्वर नारायण दास की पौत्री हैं. उनके सिनेटर बनने से गांव में खुशी की लहर दौड़ है. 



मोना की दादी का कहना है कि दो साल पहले सुबोध दास एक शादी समारोह में शामिल होने दरियापुर गांव आए थे. वो आज भी अपनी जड़ों से जुड़े हुए हैं. पति डॉ. जीएन दास भी वहीं रह रहे हैं. मोना का जन्म 1971 में दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ही हुआ था. मोना लगभग 12-14 साल की उम्र में दरियापुर गांव आईं थीं. मोना एवं उनके छोटे भाई सोम की शादी अमेरिका में हुई है.


मोना ने अमेरिका के सिनसिनाटी विश्विविद्यालय से मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री ली. आगे उसने पिंचोट विश्वविद्यालय से प्रबंधन में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की. लेकिन जनसरोकार व जनसेवा में अधिक रुचि रहने के कारण वे प्रबंधन से आगे राजनीति में आगे बढ़ती चली गईं. राजनीति की राह आसान तो नहीं रही, लेकिन जनसेवा के बल पर जनसमर्थन बढ़ता गया. साथ ही बढ़ता गया हौसला. परिणाम भी समाने है. 


मोना दास के दादाजी को भी समाज सेवा में गहरी रुचि थी. रिटायरमेंट के बाद उन्होंने खुद गांव में स्कूल बनवाया जिसकी निगरानी वो खुद रखते हैं. लेकिन फिलहाल वो अमेरिका में अपने बेटों के साथ रहते हैं.