Anant Singh Political Power: बिहार में 'छोटे सरकार' के नाम से चर्चित मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह को आज (शुक्रवार, 16 अगस्त) को पटना की बेऊर जेल से रिहा कर दिया गया. एके-47, कुछ जिंदा कारतूस और हैंड ग्रेनेड मिलने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने उनको सबूतों के अभाव में बुधवार (14 अगस्त) को अनंत सिंह को बरी कर दिया था. जिसके चलते बेऊर जेल प्रशासन ने उन्हें आज रिहा कर दिया. जेल से रिहा होने के बाद बाहुबली अनंत सिंह टीवी और सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं. हर तरफ उनके बयान और वीडियो देखने को मिल रहे हैं. सियासी जानकारों का कहना है कि हर जाति के लोगों में उनकी अच्छी पकड़ है. इसी कारण से हर चुनाव से पहले उनको पैरोल पर रिहा किया जाता रहा है. 


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अनंत सिंह की राजनीतिक पकड़ को देखते हुए ये भी कहा जाता है कि ललन सिंह को लोकसभा भेजने में उनका काफी योगदान रहा है. दरअसल, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अनंत सिंह को पैरोल पर रिहा किया गया था. उनके जेल से बाहर निकलने के बाद अनंत सिंह ने ललन सिंह का खुलकर समर्थन किया था. उनके बाहर आते ही मोकामा, लखीसराय और बाढ़ सहित सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र में भी ललन सिंह के पक्ष में माहौल तेजी से बदल गया था. कहा जा रहा है कि जो वोटर ललन सिंह से निराश या नाराज थे, अनंत सिंह के कारण उन्होंने भी ललन सिंह का समर्थन किया था. 


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बता दें कि अनंत सिंह को उनके इलाके में लोग छोटे सरकार के नाम से जानते हैं. कभी नीतीश कुमार के बेहद खास रहे अनंत सिंह बाद में राजनीतिक कारणों से सीएम से दूर होते चले गए और लालू यादव के करीबी हुए. लेकिन अब एक बार फिर अनंत सिंह एनडीए के पाले में हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में ललन सिंह और अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी के बीच सीधी टक्कर मुंगेर लोकसभा सीट पर हुई थी. तब ललन सिंह जेडीयू उम्मीदवार थे और अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी कांग्रेस की उम्मीदवार थीं. वहीं इस बार अनंत सिंह ने ललन सिंह का खुला समर्थन किया था. ललन सिंह के खिलाफ राजद अध्यक्ष ने कुख्यात गैंगस्टर रहे अशोक महतो की पत्नी को चुनाव मैदान में उतारा था.