मुंगेर: सदर प्रखंड के शीतलपुर पंचायत स्थित शिवगंज की रहने वाली प्रेम सागर सिंह की विधवा पत्नी 48 वर्षीय मुन्नी देवी की 30 मार्च को पटना स्थित एम्स में मृत्यु हो गई. मुन्नी देवी को गंभीर अवस्था में कंकड़बाग स्थित एक हॉस्पिटल से पटना एम्स में भर्ती कराया गया था. वही गांव में शव पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया. इधर मुन्नी देवी के पुत्र रवि सिंह ने मां की मौत का कारण मुंगेर के एक निजी हॉस्पिटल के संचालक डा. आशुतोष कुमार सिंह की लापरवाही को बताया. मृतक के पुत्र रवि ने कहा कि उसकी मां के पेट में अक्सर दर्द होता था. ऐसे में वह मां के इलाज के लिए तीन वर्ष से पैसा जमा कर रहा था. अपने ग्रामीण व नर्सिंग स्टाप कविता देवी के कहने पर उसने अपनी मां को इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया. जहां डॉ. आशुतोष कुमार सिंह ने जल्द से जल्द मां के बच्चेदानी का ऑपरेशन कराने को कहा.


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रवि ने बताया कि उसने जनाना अस्पताल में मां का रक्त जांच कराया तथा डायग्नोस्टिक सेंटर में अल्ट्रासाउंड कराया. वहां उसे कहा गया कि अभी ऑपरेशन की जरूरत नहीं है. लेकिन 16 को हास्पिटल के डा. आशुतोष ने उसे बुलाकर जल्द से जल्द ऑपरेशन कराने को कहा. इसके बाद उसी दिन ऑपरेशन भी कर दिया. ऑपरेशन के बाद उसकी मां को पेशाब आना बंद हो गया. इसके बाद 17 फरवरी को उसकी मां को दो-तीन बार इंजेक्शन देकर कहा गया कि अब पेशाब आने लगेगा. इसके बाद भी पेशाब नहीं आया. 17 फरवरी की शाम डॉक्टर ने सीनियर डॉक्टर से मुन्नी देवी का इलाज कराने की बात कही तथा अस्पताल में डा. नागमणि व डॉ. रंजीत कुमार के माध्यम से दोबारा ऑपरेशन कराया गया. इसके बाद 18 फरवरी की सुबह भी उसकी मां को पेशाब नहीं हुआ.


रवि कुमार ने कहा कि बच्चेदानी के ऑपरेशन के समय डॉक्टर आशुतोष ने उसकी मां का यूरेटर यानि की मूत्र नली ही काट दिया था. इसके कारण पेशाब बंद हो गया था. इसके बाद उसने मुन्नी देवी का डायलिसिस कराने की सलाह दी. बाद में उसे कंकड़बाग के हॉस्पिटल भेज दिया गया. इसके साथ ही इलाज में आने वाले खर्च को वहन करने का भरोसा भी डा. आशुतोष ने रवि सिंह को दिया. इससे संबंधित एक करारनामा भी डा. आशुतोष ने रवि सिंह को दिया. हॉस्पिटल में डा. उमाशंकर व डा. विजय ने मुन्नी देवी का इलाज किया. रवि ने कहा कि मां का कंकड़बाग के हॉस्पिटल में इलाज कराने में उसका खुद का डेढ़ लाख रुपये खर्च हुआ. कंकड़बाग के अस्पताल में भी जब मां की तबीयत बिगड़ने लगी तो हमने मां को पटना एम्स में भर्ती कराया.


इनपुट- प्रशांत कुमार


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